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खनन घोटाले में पूर्व आईएएस सत्येंद्र सिंह की बेनामी संपत्तियों की ईडी ने जुटाई जानकारी,  इन अधिकारियों की भूमिका की भी हो रही जांच

उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के शासनकाल में हुए बहुचर्चित खनन घोटाले (Mining Scam) में ईडी ने अपनी जांच तेज कर दी है।

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खनन घोटाले में पूर्व आईएएस सत्येंद्र सिंह की बेनामी संपत्तियों की ईडी ने जुटाई जानकारी,  इन अधिकारियों की भूमिका की भी हो रही जांच

खनन घोटाले में पूर्व आईएएस सत्येंद्र सिंह की बेनामी संपत्तियों की ईडी ने जुटाई जानकारी,  इन अधिकारियों की भूमिका की भी हो रही जांच

लखनऊ. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के शासनकाल में हुए बहुचर्चित खनन घोटाले (Mining Scam) में ईडी ने अपनी जांच तेज कर दी है। पूर्व आईएएस अधिकारी सत्येंद्र सिंह की बेनामी संपत्तियों की जांच में ईडी ने कई अहम जानकारियां जुटाई हैं। दरअसल, ईडी ने गायत्री प्रजापति से पूछताछ में सामने आए तथ्यों के आधार पर कुछ तत्कालीन अधिकारियों की भूमिका पर शक होने के चलते पड़ताल की थी। इस संबंध में ईडी ने कौशांबी में हुए अवैध खनन के आरोप में वहां के तत्कालीन डीएम सत्येंद्र सिंह के खिलाफ अपनी जांच शुरू की थी। जांच में वर्ष 2012-2014 के बीच सत्येंद्र सिंह के डीएम रहते हुए गलत ढंग से खनन पट्टे आवंटित करने की बात सामने आई। इसके बाद ईडी ने सत्येंद्र सिंह व अन्य संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई से कुछ अहम जानकारियां हासिल की हैं।

सीबीआइ ने बीते दिनों सत्येंद्र सिंह समेत अन्य आरोपितों के ठिकानों पर छापा मारा था और सत्येंद्र सिंह की कई संपत्तियों के दस्तावेज बरामद किए थे। ईडी ने इन संपत्तियों की पड़ताल भी शुरू की है। सत्येंद्र सिंह को जवाब तलब के लिए भी बुलाया गया था लेकिन उनके शहर से बाहर होने के चलते ईडी उनसे पूछताछ नहीं कर सकी।

इन अधिकारियों की भूमिका की भी हो रही जांच

अवैध तरीके से खनन पट्टे आवंटित करने के मामले में ईडी सत्येंद्र सिंह के अलावा हमीरपुर की तत्कालीन डीएम बी.चंद्रकला, फतेहपुर के तत्कालीन डीएम अभय सिंह व देवरिया के तत्कालीन डीएम विवेक की भूमिका की भी जांच कर रही है। इनकी भी संपत्तियों का ब्योरा जुटाया जा रहा है। हालांकि ईडी के हाथ अभी बी.चंद्रकला की संपत्तियों की ठोस जानकारी हाथ नहीं लग सकी है। बता दें कि हाईकोर्ट के आदेश पर खनन घोटाले की सीबीआइ जांच शुरू हुई थी। समाजवादी पार्टी के शासनकाल में वर्ष 2012 से 2016 के मध्य हुए अवैध खनन की सीबीआइ जांच शुरू होने के बाद ईडी ने खनन घोटाले के आरोपितों के विरुद्ध प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज किए थे।

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