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संभल में 42 कछुओं के साथ 2 तस्कर गिरफ्तार, यौन क्षमता बढ़ाने की दवा बनाने में होता है इस्तेमाल

दुलर्भ प्रजाति के सिंदूरी कछुओं से बने चिप्स की दुनिया में खूब मांग है। भारत में यह कछुआ चंबल नदी में पाया जाता है।

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लखनऊ

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Nazia Naaz

Dec 23, 2022

दुर्लभ प्रजाति के 44 कछुए  बरामद

संभल के बहजोई से पुलिस ने 2 कछुआ तस्करों को गिरफ्तार किया है। इन तस्करों के पास से दुर्लभ प्रजाति के 42 कछुए भी बरामद किए। इससे पहले वाइल्ड लाइफ एसओएस की टीम ने आगरा के रेलवे स्टेशन के पास से 125 किलो का दुर्लभ कछुआ बरामद किया था। ये दक्षिण एशिया में मीठे पानी में रहने वाले दुर्लभ प्रजाति के कछुए थे।

बीते कुछ दिनों में कछुओं की तस्करी के मामले बढ़े हैं। इसकी वजह इनका महंगें दामों पर बिकना है। विदेशों में तो इसकी काफी डिमांड है। कछुए का मांस और चिप्स लाखों रुपए किलो के हिसाब से बिकते हैं।

बीते कुछ दिनों में कछुओं की तस्करी के मामले बढ़े हैं। इसकी वजह इनका महंगें दामों पर बिकना है। विदेशों में तो इसकी काफी डिमांड है। कछुए का मांस और चिप्स लाखों रुपए किलो के हिसाब से बिकते हैं।

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चंबल नदी में रहते हैं कछुए के कई प्रजाति, बनाए जाते हैं चिप्स

चंबल नदी से लगे आगरा के पिनहाट और इटावा के ज्ञानपुरी और बंसरी में निलसोनिया गैंगटिस और चित्रा इंडिका तीन ऐसी फ्रजातियां है, जिनका इस्तेमाल चिप्स बनाने में किया जाता है। कछुए के पेट की स्किन को प्लैस्ट्रान कहा जाता है। इसी प्लैस्ट्रान के चिप्स बनाए जाते हैं।

बंगाल के रास्ते विदेश भेजे जाते हैं ये कछुए

प्लैस्ट्रान को काटकर अलग कर लिया जाता है। फिर इसे उबालकर सुखाया जाता है। इसके बाद इसे बंगाल के रास्ते विदेशों में भेज दिया जाता है। गर्मी में प्लैस्ट्रान के चिप्स बनाए जाते हैं तो सर्दियों में जिंदा कछुओं की तस्करी की जाती है। सर्दियों में तस्करी करना गर्मी के मुकाबले आसान है।

कछुए से बनाए जाने वाला सूप बढ़ाता है सेक्स पावर

कछुए से सूप भी बनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि कछुए के सूप से यौन क्षमता बढ़ता है। कुछ लोग इसका मांस भी खाते हैं। कछुए के चिप्स थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर जैसे देशों में 1 लाख से 2 लाख रुपए में बिकता है।

बता दें कि कछुए की तस्करी करते हुए पकड़े जाने पर 3 से 7 साल तक की सजा है। इसके बावजूद तस्करी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं।