अकसर पढ़ाई का दबाव बच्चों में देखा जाता है। कुछ छात्र इसके चलते ज्यादा ही तनाव लेने लगते हैं। इसी को रोकने के लिए यूपी सरकार ने यह फैसला लिया है। हफ्ते में एक दिन ‘नो बैग डे’ करने से बच्चे खुश भी होंगे। वह स्कूल आएंगे लेकिन बिना बस्ते व बैग के। कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को इस एक दिन खेल-खेल में रोचक ढंग से पढ़ाई कराने पर जोर दिया जाएगा व मनोरंजन ढंग से जरूरी सबक भी सिखाए जाएंगे।
डिप्टी सीएम ने मांगी समग्र रिपोर्ट-
दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की निदेशक डॉ. सारिका मोहन भी मौजूद रहे जिन्होंने प्री-प्राइमरी एजुकेशन को लेकर एक प्रेजेंटेश दिया। प्री-प्राइमरी स्तर पर विद्यार्थियों को रोचक ढंग से पाठ पढ़ाने के लिए बदलाव किए जाने पर जोर दिया गया व स्कूलों में सप्ताह में एक दिन विद्यार्थियों के लिए ‘नो-बैग डे’ निर्धारित करने पर भी सहमति बनी है। डिप्टी सीएम ने बेसिक से लेकर उच्च शिक्षा तक किए जाने वाले बदलावों को लेकर एक समग्र रिपोर्ट भी तैयार करने के निर्देश दिए हैं। वहीं प्राविधिक शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव एस राधा चौहान ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व प्राइमरी स्कूलों के शिक्षकों के बीच सामंजस्य स्थापित हो और प्राइमरी स्कूलों में विद्यार्थी आंगनबाड़ी से लाए जाएं। आंगनबाड़ी केंद्र प्री-प्राइमरी स्कूल के रूप में काम करें।