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उत्तर प्रदेश में इस तारीख को पूरे प्रदेश में बंद रहेंगी दस हजार से अधिक बसें, जानिए बड़ी वजह

UP Roadways UPSTRC: जून में यदि आप भी कहीं बस की यात्रा करके जाने वाले हैं तो पहले यह खबर पढ़ लीजिए। रोडवेज इंप्लाइज यूनियम द्वारा एक बड़ा ऐलान किया गया है।

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लखनऊ

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Snigdha Singh

Jun 02, 2022

UP Roadways Buses Will be Cancelled on 25th June UPSRTC

UP Roadways Buses Will be Cancelled on 25th June UPSRTC

उत्तर प्रदेश में यदि आप भी बस से कहीं सफर करने वाले हैं तो आपके लिए बड़ी खबर है। प्रदेश भर में 25 जून को प्रदेश भर बस सेवा निरस्त रहेगी। ऐसे में या तो ट्रेन का सहारा लीजिए फिर अपनी तैयारी सोच समझकर कीजिओ। यूपी रोडवेज की दस हजार से अधिक बसें निरस्त रहेंगी। दरअसल, यूपी रोडवेज इंप्लाइज यूनियन ने 25 जून को बसों का चक्का जाम करने की घोषणा की है। इसलिए पच्चीस जून को एक भी बस नहीं चलेगी।
यूपी रोडवेज इंप्लाइज यूनियन ने कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर 25 जून को एक दिवसीय रोडवेज बस का चक्का जाम करने की घोषणा की है। यूनियन के क्षेत्रीय मंत्री रियाज हुसैन ने बताया कि यूनियन लंबे समय से संविदा कर्मचारियों को नियमित करने, रिक्त पदों को भरने, पुराने व जर्जर बसों के स्थान पर नई बस उपलब्ध कराने समेत कई मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलन करते आ रहे हैं। आंदोलन का नोटिस देने के बाद रोडवेज प्रबंधन वार्ता के लिए यूनियन के प्रतिनिधि मंडल को बुलाते हैं। वार्ता में हर बार शीघ्र समस्या का समाधान करने का आश्वासन दिया जाता है। आंदोलन स्थगित होने के बाद समस्याओं का समाधान करने का प्रयास तक नहीं किया जाता है। यूनियन ने कर्मचारियों की मांगो को लेकर 24 जून के माध्य रात्रि 12 बजे से 25 जून की मध्य रात्रि 12 बजे तक रोडवेज का चक्का जाम करने का फैसला लिया है। आंदोलन को सफल बनाने के लिए दो जून को मंडल के सभी शाखा के पदाधिकारियों की बैठक मुरादाबाद में बुलायी गई है।

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दस हजार बसें निरस्त, लाखों यात्री परेशान
उत्तर प्रदेश में करीब दस हजार बसें एक साथ बंद होंगी। इससे लाखों यात्रियों के आवागमन में प्रभाव पड़ेगा। मालूम हो कि आंकड़ों के अनुसार एक दिन में तकरीबन दस लाख यात्री बसों के माध्यम से सफर करते हैं। ऐसे में न केवल आर्थिक नुकसान झेलना पड़ेगा बल्कि आम जनता के लिए भी भारी समस्या है।


रेलवे के स्टेशन मास्टर भी नाराज
रोडवेज ही नहीं बल्कि भारतीय रेलवे के स्टेशन मास्टर्स भी नाराज है। इसी लिए बीते दिनों ट्रेनों के चक्का जाम करने की तैयारी में भी थे। हालांकि अधिकारियों ने नियमों का हवाला देते हुए ऐसा करने नहीं दिया। एसोसिएशन के अध्यक्ष धनंजय का कहना है कि स्टेशन मास्टरों की मांग की सूची रेलवे बोर्ड के सीईओ को भेज दी गई है। रेलवे में सभी रिक्तियों को शीघ्र भरा जाना चाहिए। सभी रेल कर्मचारियों को बिना किसी अधिकतम सीमा के रात्रि ड्यूटी भत्ता बहाल करना। स्टेशन मास्टरों के संवर्ग में एमएसीपी का लाभ 16.02.2018 के बजाय 01.01.2016 से प्रदान करना चाहिए। इन मांगों को पूरा करने के लिए मंत्रालय और सरकार से अपील की है।

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