लखनऊ

Driving License Up: यूपी में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हुआ आसान, 90% जिलों में लंबित आवेदनों की दर 0.5% से भी कम

UP Sets New Benchmark: उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने ड्राइविंग लाइसेंस की प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाने में बड़ी सफलता हासिल की है। 1 जनवरी से 10 जून 2025 तक की समीक्षा में खुलासा हुआ कि 90% से ज्यादा जिलों में पेंडेंसी की दर 0.5% से भी कम है। पेपरलेस, फेसलेस और कैशलेस प्रणाली से प्रक्रिया हुई आसान।

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Jun 19, 2025
ड्राइविंग लाइसेंस में यूपी का डिजिटल धमाका फोटो सोर्स : Social Media

Driving License Apply: उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग ने ड्राइविंग लाइसेंस आवेदनों के त्वरित निस्तारण में अभूतपूर्व सफलता हासिल की है। 1 जनवरी 2025 से 10 जून 2025 तक की अवधि में प्राप्त नए ड्राइविंग लाइसेंस (DL) आवेदनों की समीक्षा में यह तथ्य सामने आया है कि राज्य के अधिकांश जिलों में पेंडेंसी की दर नगण्य रह गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप जनता को त्वरित, पारदर्शी और सुलभ सेवाएं उपलब्ध कराने हेतु परिवहन विभाग लगातार तकनीकी सशक्तिकरण और प्रशासनिक सुधारों की दिशा में अग्रसर है।

पेपरलेस, फेसलेस और कैशलेस व्यवस्था लाई कारगर परिवर्तन

विभाग द्वारा हाल के वर्षों में लागू की गई “पेपरलेस, फेसलेस और कैशलेस” व्यवस्था से न केवल प्रक्रिया पारदर्शी बनी है बल्कि इसमें व्यापक तेजी भी आई है। ड्राइविंग लाइसेंस के आवेदन और अनुमोदन अब डिजिटल प्लेटफॉर्म 'सारथी' और जनसेवा केंद्रों (CSCs) के माध्यम से हो रहे हैं, जिससे आवेदकों को बार-बार दफ्तर के चक्कर नहीं काटने पड़ते।

राज्य स्तर पर समीक्षा

  • परिवहन विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार:
  • गाजियाबाद में कुल 24,115 आवेदनों में से केवल 15 लंबित हैं, यानी कुल का मात्र 0.06%।
  • प्रयागराज में 23,914 आवेदनों में से केवल 33 आवेदन लंबित, यानी 0.13%।
  • मुजफ्फरनगर में 13,523 में से केवल 20 आवेदन लंबित हैं, यानी 0.15%।
  • शाहजहांपुर और अमेठी जैसे कुछ जिलों में लंबित आवेदनों का प्रतिशत क्रमशः 0.46% और 0.63% पाया गया, जिस पर विभाग ने विशेष निगरानी शुरू कर दी है।

राज्य के 90% जिलों में पेंडेंसी 0.5% से भी कम

यह प्रदर्शन राज्यभर में संचालित आवेदनों की औसत समीक्षा में उत्कृष्ट बताया गया है। आंकड़ों के अनुसार, 90 प्रतिशत से अधिक जिलों में पेंडेंसी दर 0.5% से भी कम रही है। इसका श्रेय विभाग की प्रशासनिक दक्षता, जनजागरूकता अभियानों और बेहतर निगरानी व्यवस्था को जाता है।

 लगातार समीक्षा और सुधार

परिवहन विभाग ने स्पष्ट किया है कि जिलों में समय-समय पर समीक्षा की जाती रहेगी ताकि प्रक्रिया में सुधार लगातार जारी रह सके। अपेक्षाकृत पीछे चल रहे जिलों के परिवहन अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे लंबित आवेदनों का निस्तारण 7 दिनों के भीतर अनिवार्य रूप से करें। साथ ही, विभाग द्वारा एक विस्तृत विश्लेषण रिपोर्ट सभी जिलों को भेजी गई है जिसके आधार पर वे अपने कार्यों में सुधार कर सकें।

डिजिटल पोर्टलों का महत्व बढ़ा

डिजिटल इंडिया अभियान के अंतर्गत सारथी पोर्टल और जनसेवा केंद्रों के माध्यम से अब ड्राइविंग लाइसेंस आवेदन की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन हो चुकी है। इसमें:

  • ऑनलाइन स्लॉट बुकिंग
  • दस्तावेज अपलोड
  • शुल्क भुगतान
  • टेस्ट रिजल्ट
  • लाइसेंस की ई-डिलीवरी शामिल हैं।
  • जनता को हुआ लाभ

इस नई प्रणाली से आम जनता को लंबी लाइनों और भ्रष्टाचार से राहत मिली है। पारदर्शी प्रणाली से समय की बचत भी हो रही है। अब आवेदन की स्थिति ऑनलाइन ट्रैक की जा सकती है और अनावश्यक दौड़भाग से मुक्ति मिल चुकी है।

परिवहन आयुक्त का बयान

उत्तर प्रदेश परिवहन आयुक्त बृजेश नारायण सिंह ने बताया, “विभाग के निरंतर प्रयासों से ड्राइविंग लाइसेंस प्रक्रिया अधिक सरल, त्वरित और पारदर्शी हो गई है। सभी जिलों को निर्देशित किया गया है कि लंबित मामलों का निस्तारण 7 दिन के भीतर किया जाए। हमारी निगरानी और विश्लेषण प्रणाली हर जिले के प्रदर्शन की बारीकी से समीक्षा करती है।”

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