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स्कूलों में अब नहीं लगा सकेंगे दोस्त की प्रॉक्सी, चेहरे से लगेगी छात्रों की अटेंडेंस

यूपी में कुल 746 केजीबीवीएस स्कूल है। फिल्हाल 702 केजीबीवी स्कूलों में फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी मौजूद है।

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लखनऊ

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Nazia Naaz

Dec 11, 2022

एफआरटी का मकसद टीचरों और बच्चों की प्रॉक्सी को खत्म करना है

यूपी के कई प्राइवेट स्कूलों में अब टीचरों और स्टूडेंट के अटेंडेंस के लिए फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी (एफआरटी) का इस्तेमाल किया जाएगा। इसकी शूरुआत कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में पहले ही की जा चुकी है।

टीचरों और बच्चों की प्रॉक्सी होगी खत्म

स्कूली शिक्षा के महानिदेशक विजय किरण आनंद ने बिजनेस इनसाइडर को बताया कि , "फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी यानी एफआरटी का मकसद टीचरों और बच्चों की प्रॉक्सी को खत्म करना है।

मोबाइल से कनेक्ट होगा एफआरटी

एफआरटी के लिए, स्कूल के टीचर और बच्चों के 10 अंकों के मोबाइल नंबर दर्ज कराए गए हैं। सभी रजिसटर्ड मोबाइल नंबर पर पिन भेजा गया है। इसी पिन का इस्तेमाल करते हुए केजीबीवी स्कूल बच्चों के फेस रिकॉगनाइजेशन किया जाएगा, और अटेंडेंस लगाया जाएगा।

702 केजीबीवी स्कूलों में एफआरटी से हो रहा अटेंडेंस

यूपी में छह लाख शिक्षकों और कक्षा 1 से 8 तक के सरकारी स्कूलों में 1.92 करोड़ छात्रों के लिए ये सुविधा दी जाएगी। यूपी में कुल 746 केजीबीवीएस स्कूल है। इन स्कूलों में करीब 80,000 छात्र हैं। फिल्हाल 702 केजीबीवी स्कूलों में फेस रिकग्निशन टेक्नोलॉजी मौजूद है।