
पत्रिका न्यूज नेटवर्क
लखनऊ. ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी और समाज कल्याण पर्यवेक्षक भर्ती घोटाला मामले में यूपी एसटीएफ ने 11 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार आरोपियों के पास से 44 लाख रुपये बरामद हुए हैं। परीक्षा के दौरान जिन कैंडिडेट्स ने पैसे दिए थे, उन्होंने अपनी ओएमआर शीट खाली छोड दी थी। स्कैनिंग के दौरान इनमें सही जवाब भरे गये। बताया जा रहा है कि अखिलेश यादव की सरकार में मुख्यमंत्री कार्यालय के एक पूर्व नौकरशाह का भतीजा आरपी यादव ही मास्टरमाइंड है। वर्ष 2018 में 1953 पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। कई तरीके की अनियमितताएं सामने आने के बाद यह परीक्षा निरस्त कर दी गई थी।
पुलिस के मुताबिक, 2018 के सितंबर में जो एग्जाम हुए थे, उनकी स्कैनिंग का काम दिल्ली की एसआएन कंपनी को दिया गया था, लेकिन स्कैनिंग केडी इंटरप्राइजेज से हुई। ओएमआर शीट में गड़बड़ी का मामला खुलते ही यूपीएसएसएससी के अनुसचिव राम नरेश प्रजापति ने 29 अगस्त 2019 लखनऊ में एफआईआर दर्ज कराई थी। एसआईटी ने जांच के दौरान 46 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की थी। इनमें से 11 को गिरफ्तार कर लिया गया है, जल्द ही एजेंसी से भी जल्द ही पूछताछ की जाएगी।
Published on:
07 Apr 2021 03:59 pm
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