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इंस्पेक्टर साहब को अब होटल नहीं सरकारी या किराये के घर पर रहना होगा, मुख्यमंत्री ने जारी किए नए आदेश

locationलखनऊPublished: Apr 25, 2022 11:10:13 am

Submitted by:

Snigdha Singh

Uttar Pradesh Police: उत्तर प्रदेश सरकार इन दिनों फुल एक्शन में है। मंत्रियों से लेकर अधिकारियों तक के लिए नए फरमान जारी हो गए। बुधवार को पुलिस इंस्पेक्टर और सिपाहियों के लिए नया फरमान जारी कर दिया है।

थानेदार अब अपने क्षेत्र के किसी भी होटल में घरौंदा नहीं बना सकेंगे। उन्हें रात में अपने क्षेत्र में ही रुकना होगा। इसके लिए चाहे वह सरकारी आवास का इस्तेमाल करें या फिर किराए पर मकान लेकर रहें, मगर अपने क्षेत्र से बाहर नहीं जाएंगे। मुख्यमंत्री की तरफ से यह निर्देश पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के लिए किए गए हैं। कानून व्यवस्था को लेकर शासन ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है।
मुख्यमंत्री ने हाल में अधिकारियों के साथ वीडियो कॉनफ्रेंसिंग के जरिए बैठक की। उसमें उन्होंने साफ कहा कि एसीपी और थानेदार दोनों को रात में हर हाल में अपने क्षेत्र में रुकना होगा। वह अपने क्षेत्र को छोड़कर दूसरे क्षेत्र में न रहें। मुख्यमंत्री ने कहा कि क्षेत्र में ही एसीपी और इंस्पेक्टर के लिए सरकारी आवास की व्यवस्था होती है। अगर यह व्यवस्था किन्हीं कारणों से नहीं हो सकी है तो अफसरों को क्षेत्र में ही किराए का घर देख लेना चाहिए।
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होटलों में बुक रहते हैं कमरें

स्थानीय होटल संचालकों का कहना है कि थाना क्षेत्र के स्थानीय होटल में पुलिस इंस्पेक्टर का कमरा बुक रहता है। कई बार ऐसे में वायरल वीडियो का देखने को मिले हैं। कई बार अधिकारियों ने छापा मारा तो इंसपेक्टर और सिपाहियों को रंगे हाथ पकड़ा है।
हमेशा से होटल रहे टारगेट

शासन की मंशा का पालन सीओ और इंस्पेक्टर स्तर के अफसर पहले से करते आए हैं। मगर उनका तरीका अलग रहा है। इंस्पेक्टर साहब का कमरा क्षेत्र के सबसे अच्छे होटल में हमेशा बुक रहता है। जहां पर वह दोपहर और रात में आराम करने पहुंचते हैं। कमावेश यही स्थिति उन सीओ की भी होती है जो अपने परिवार को साथ नहीं रखते।
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थाने में ही बनवा लिया रूम

कुछ इंस्पेक्टरों ने और भी समझदारी का काम किया है। उन्होंने थाने में अपने दफ्तर के पास ही रेस्टरूम बनवा लिया है। दोपहर के समय वह वहीं पर विश्राम कर लेते हैं। उस दौरान उनका सीयूजी नम्बर उनके नेक्स्ट टू ऑफिसर सम्भालते हैं। इस तरह से नौकरी चलाते हैं।
सरकारी वाहन की जगह प्राइवेट वाहन

पहले इंस्पेक्टर सरकारी जीप लेकर ही होटल में आराम करने पहुंच जाया करते थे मगर 2015 के बाद से इस ट्रेंड में धीरे धीरे बदलाव आया। सरकारी जीप के ट्रेस होने का खतरा ज्यादा रहता है और अब सोशल मीडिया की मजबूत स्थिति में इंस्पेक्टरों और अन्य पुलिस कर्मियों ने अपना ट्रेंड बदला है। वह अब निजी वाहन से होटल पहुंचते हैं। कई बार तो मोटरसाइकिल का ही प्रयोग करते हैं।
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