29 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

UP Politics: स्वार उपचुनाव में मिली जीत ने भाजपा को दिया 2024 के जीत का फार्मूला, मुस्लिम बहुल सीटों पर भाजपा का प्लान अपना दल

UP Politics: स्वार विधानसभा उपचुनाव में मिली जीत के बाद भाजपा अब गठबंधन के सहारे मुस्लिम बहुल सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Prashant Tiwari

May 28, 2023

 victory-in-swar-by-election-gave-formula-for-victory-of-2024-to-bjp

प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुख्यमंत्री योगी

भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा 2024 के चुनाव में अपने मिशन 80 को पूरा करने में जुटी हुई है। इसके लिए पार्टी लगातार नए-नए प्रयोग करने के साथ ही कैबिनेट के बड़े चेहरों की सक्रियता लगातार UP में बढ़ा रही है। इसका नतीजा भी लोगों को दिख रहा है। भाजपा के गठबंधन को अभी हाल ही में हुए स्वार विधानसभा उपचुनाव में मिली जीत ने उसे एक नया फार्मूला दे दिया है। पार्टी अब इस बात को जान गई है कि कैसे प्रदेश में मुस्लिम बहुल जिले में मुस्लिमों का वोट पाया जाता है।

अपना दल के टिकट पर उतार सकती है मुस्लिम प्रत्याशी
भाजपा यब बात अच्छे से जानती है कि चाहे वह मुस्लिम समाज के लिए कितने भी काम कर ले। अल्पसंख्यक समाज उसे वोट नहीं देने वाला है। लेकिन अगर पार्टी अपने किसी सहयोगी के सिंबल पर या गठबंधन से मुस्लिम या हिंदू प्रत्याशी उतारती है तो उसके जीत का चांस बढ़ जाता है।

स्वार उपचुनाव ने दिया जीत का नया फार्मूला
समाजवादी पार्टी के विधायक अब्दुल्ला आजम को एक केस में दो साल की सजा होने के बाद सीट खाली हो गई थी। इसके बाद इस सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने यह सीट अपने गठबंधन में शामिल केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की पार्टी अपना दल (एस) को दे दी। पार्टी ने इस सीट से पूर्व में सपा नेता रहे शफीक अहमद अंसारी को उम्मीदवार बनाया। जिन्हें दोनों ही समुदाय से जमकर वोट मिले और आजम खां के दबदबे वाली इस सीट पर भाजपा गठबंधन ने जीत दर्ज किया।

मुस्लिम सीटों पर है बीजेपी की नजर
2024 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने सभी 80 सीटों को जीतने का टारगेट किया है। इसमें सबसे बड़ी बाधा मुस्लिम बहुल सीटों पर जीत हासिल करना है। इसमें खासतौर पर सहारनपुर, संभल, अमरोहा, नगीना, बिजनौर, मुरादाबाद जैसी सीटें शामिल हैं। इन सीटों पर भाजपा ने दो साल पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है। कई केंद्रीय मंत्रियों के साथ संगठन के पदाधिकारियों को जुटा दिया गया है। भाजपा के सहयोगी दल भी इन सीटों पर अपनी जमीन मजबूत करने में जुटे हैं। खासतौर पर अपना दल(एस) ने अपना फोकस मुस्लिम बहुल सीटों पर टिका रखा है। अपना दल(एस) के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक स्वार विधानसभा उपचुनाव में मिली जीत के बाद पार्टी इस पहलू पर गंभीरता से काम कर रही है।

यह भी पढ़ें: Birth Anniversary: मां-बाप की मौत से उत्पन्न हुआ वैराग्य, फिर बने कभी न हारने वाले नेता, जानिए कौन थे योगी आदित्यनाथ के गुरु मंहत अवैद्यनाथ?

फिलहाल प्रदेश की 64 सीटों पर है भाजपा का कब्जा
इस वक्त भाजपा का प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में 64 पर कब्जा है। पार्टी के सहयोगी दल अपना दल(एस) के पास भी दो लोकसभा सीटें हैं। वहीं इस वक्त समाजवादी पार्टी के पास तीन सीटें है। 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी पांच सीटों पर चुनाव जीती थी। लेकिन 2022 में हुए उपचुनावों में सपा को आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। इसके अलावा बीएसपी 2019 के चुनावों में 10 सीटें जीती थी। लेकिन हाल ही में गाजीपुर के पूर्व सांसद अफजाल अंसारी को चार साल से अधिक की सजा सुनाये जाने के बाद उनकी सदस्यता को भी खत्म कर दिया गया है। अब बसपा के पास सिर्फ नौ सीटें ही बची हैं।