
Vivek Tiwari murder case
लखनऊ. एप्पल एरिया मैनेजर विवेक तिवारी हत्या मामले में आरोपी प्रशांत चौधरी की मुसीबत बढ़ गई है। सेशन कोर्ट ने इस मामले में सख्ती दिखाते हुए कॉन्स्टेबल प्रशांत चौधरी की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है और मामले में इकलौती चश्मदीद सना खान के बयान को तरजीह दी है।
न्यायाधीश सुरेन्द्र कुमार यादव ने विवेक तिवारी की गोली मारकर हत्या करने के वाले गोमती नगर थाने के पूर्व बर्खास्त सिपाही प्रशान्त कुमार चौधरी की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। दाखिल की गई जमानत अर्जी का विरोध करते हुए जिला शासकीय अधिवक्ता मनोज कुमार त्रिपाठी एवं सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता प्रखर निगम ने कहा कि उस रात्रि का जिक्र किया और बताया कि कैसे प्रशांत ने विवेक की हत्या कर दी थी। उन्होंने कहा कि विवेक तिवारी रात्रि में कार्यालय से महिला सहकर्मी सना के साथ एसयूवी कार से घर आ रहे थे। उसी दौरान अचानक गोमती नगर थाने के सिपाही प्रशान्त कुमार चौधरी एवं सन्दीप कुमार उनके सामने आ गए। कार में महिला होने की वजह से विवेक तिवारी कार को आगे बढ़ाने की कोशिश करने लगे लेकिन, तभी अभियुक्त ने कार के आगे के शीशे से पिस्टल सटाकर फायर कर दिया, जिससे विवेक तिवारी की मृत्यु हो गई।
प्रशांत ने बिना सोचे समझे निर्दोश को मारी गोली-
जिला शासकीय अधिवक्ता का तर्क था कि अभियुक्त लोक सेवक था, जिसने बिना किसी सूझबूझ के निर्दोष व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी। उधर बचाव पक्ष का कहना था कि अभियुक्त निर्दोष है। उसने गोली अपने बचाव में चलाई थी। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद अदालत ने प्रशांत चौधरी की जमानत अर्जी को खारिज करने के आदेश दिए। कोर्ट ने घटना की एकमात्र चश्मदीद गवाह सना के बयान को महत्व देते हुए कहा है कि अभियुक्त ने निर्दोष की हत्या करके जघन्य अपराध किया है।
Published on:
15 Jan 2019 06:40 pm
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