UP Weather: अभी गर्मी का प्रकोप देखना बाकी है। जून और जुलाई के महीने में गर्मी अपने शीर्ष पर होती है। ऐसे में, मैं आज आपको बताऊंगा कि तापमान 45 डिग्री से ऊपर जाने में आखिर क्यों आपकी मौत हो सकती है।
UP Weather: कुछ दिनों पहले तक यूपी समेत पूरे उत्तर भारत में भीषण गर्मी पड़ रही थी। मौसम से लोगों का हाल बेहाल हो रखा था। दिन तो दिन रात में भी गर्म हवाएं चल रही थी जिससे लोग रात में भी सुकून की सांसे नहीं ले पा रहे थें। हालांकि, पश्चिमी विक्षोभ के कारण यूपी समेत पूरे उत्तर भारत में भारी बारिश और ठंडी हवाएं चल रही हैं, जिससे मौसम सुहावना बना हुआ है। तापमान में काफी गिरावट आई है। लेकिन अभी गर्मी का प्रकोप देखना बाकी है। जून और जुलाई के महीने में गर्मी अपने शीर्ष पर होती है। यदि अपने प्रदेश की बात करें तो मई और जून में कुछ कुछ जिलों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला जाता है। और हमारे शरीर के लिए अत्यधिक गर्मी के अनुसार ढ़लना कठिन हो जाता है। ऐसे में, मैं आज आपको बताऊंगा कि तापमान 47 डिग्री से अधिक जाने पर आखिर आपकी मौत क्यों हो सकती है। अत्यधिक गर्मी से मानवीय शरीर में कुछ बदलाव होते हैं, जिनमें से 3 बदलवाओं का जिक्र आज हम इस आर्टिकल में करेंगे।
गर्मी से मुकाबले के लिए हमारा दिल तेजी से धड़कने लगता है
भीषण गर्मी के दिन शुरू हो गए हैं, आने वाले महीने में गर्मी अपने शीर्ष पर होगी जब तापमान 45 से 50 डिग्री सेल्सियस के बीच होगा। ऐसे में, हमारे शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। हमारे शरीर में ईश्वर ने पहले से एक कूलिंग सिस्टम तैयार किया है, जो अधिक गर्मी होने पर पसीना हमारा सहयोगी बन शरीर को ठंडा करने के लिए के शरीर से अधिक पसीना निकलता है। इसके साथ ही जैसे जैसे तापमान चढ़ता है तो गर्मी से मुकाबला करने के लिए हमारा दिल तेजी से धड़कने लगता है। आइए जानते हैं की ज्यादा तापमान में हमारा शरीर कैसे काम करता है।
डिहाइड्रेशन (शरीर में पानी की कमी)
जब तापमान अधिक हो जाता है तो हमारा शरीर भी उसी हिसाब से कम करने लगता है। अधिक तापमान हो जाने के बाद हमारा शरीर ज्यादा पसीना बहाकर तापमान को नियंत्रित करने की कोशिश करता है। इस प्रक्रिया में शरीर से पानी की मात्रा कम हो जाती है, जिससे डिहाइड्रेशन की स्थिति पैदा हो जाती है। और डिहाइड्रेशन जैसी समस्या थकान, दिमागी कमजोरी, यूरिनरी इन्फेक्शन को जन्म दे सकती है।
स्किन संबंधी समस्याएं
अधिक तापमान शरीर के स्किन को जला सकता है। इस जलन से कई तरह की समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं जैसे, स्किन ड्राइनेस, स्किन बर्न,स्किन का रंग काला होना और भी कई तरह के स्किन संबंधी रोग हो सकते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर
जब बाहरी तापमान अधिक हो जाता है तो हमारा शरीर उसके हिसाब से काम करने लगता है। तापमान नियंत्रित करने के लिए हमारा दिल तेजी से धड़कता है और इससे शरीर में ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। यह हाई ब्लड प्रेशर के लक्षणों जैसे चक्कर, सीने में दर्द और मिर्गी जैसी समस्या हो सकती है। ब्लड प्रेशर अधिक बढ़ने पर हार्ट अटैक जैसी समस्या भी आ सकती है, जिससे आपकी मौत तक हो सकती है।