ऐसा कदम क्यों उठाया
बुधवार को कानपुर में तैनात एसपी पूर्वी सुरेंद्र दास ने सल्फास खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। कई दिनों तो वे जिंदगी और मौत से जुझते रहे और अंतत: रविवार को उनकी मौत हो गई। घटना के बाद से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर आईपीएस अफसर ने ऐसा कदम क्यों उठाया। पुलिस विभाग भी आईपीएस सुरेंद्र दास के इस कदम से दंग है। इससे पहले भी आईपीएस रैंक के अफसर आत्महत्या जैसे कमद उठा चुके हैं। डीआईजी सीडी प्रेमी, चुन्नी लाल वासन, पीएसी के कमांटेंट पीके मिश्रा और एटीएस अफसर राजेश सैनी ने आत्महत्या जैसे कदम उठाए। सबसे बड़ी बात यह भी है कि ये कुछ ऐसे अफसर रहे जिन्होंने ड्यूटी के दौरान आत्महत्या करने का प्रयास किया था। यूपी के एक पूर्व डीजीपी की मानें तो ड्यूटी के दौरान अधिक प्रेशर और राजनीतिक दबाव के चलते आईपीएस अफसर सुसाइड जैसे कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं।
बुधवार को कानपुर में तैनात एसपी पूर्वी सुरेंद्र दास ने सल्फास खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की। कई दिनों तो वे जिंदगी और मौत से जुझते रहे और अंतत: रविवार को उनकी मौत हो गई। घटना के बाद से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि आखिर आईपीएस अफसर ने ऐसा कदम क्यों उठाया। पुलिस विभाग भी आईपीएस सुरेंद्र दास के इस कदम से दंग है। इससे पहले भी आईपीएस रैंक के अफसर आत्महत्या जैसे कमद उठा चुके हैं। डीआईजी सीडी प्रेमी, चुन्नी लाल वासन, पीएसी के कमांटेंट पीके मिश्रा और एटीएस अफसर राजेश सैनी ने आत्महत्या जैसे कदम उठाए। सबसे बड़ी बात यह भी है कि ये कुछ ऐसे अफसर रहे जिन्होंने ड्यूटी के दौरान आत्महत्या करने का प्रयास किया था। यूपी के एक पूर्व डीजीपी की मानें तो ड्यूटी के दौरान अधिक प्रेशर और राजनीतिक दबाव के चलते आईपीएस अफसर सुसाइड जैसे कदम उठाने को मजबूर हो रहे हैं।
30 प्रतिशत पुलिसकर्मियों की कमी है
हाल ही में कानपुर में तैनात एसपी पूर्वी सुरेंद्र दास की हालत में तीसरे दिन उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग में 30 प्रतिशत पुलिसकर्मियों की कमी है। इस कारण से पुलिसकर्मियों को अधिक काम करना पड़ रहा है। अधिक काम के कारण वे अपने परिवार को भी समय नहीं दे पाते हैं। शरीर को भी आराम नहीं मिलता है।
हाल ही में कानपुर में तैनात एसपी पूर्वी सुरेंद्र दास की हालत में तीसरे दिन उत्तर प्रदेश के पुलिस विभाग में 30 प्रतिशत पुलिसकर्मियों की कमी है। इस कारण से पुलिसकर्मियों को अधिक काम करना पड़ रहा है। अधिक काम के कारण वे अपने परिवार को भी समय नहीं दे पाते हैं। शरीर को भी आराम नहीं मिलता है।
जो मानसिक तनाव पैदा करती हैं
पूर्व डीजपी की मानें तो ड्यूटी का तनाव, पब्लिक की अपेक्षा या नेताओं की अपेक्षाओं को पूरा ना करना, पारिवारिक जिम्मदारियों को पूरा न कर पाना आदि जैसी बड़ी वजहें हैं जो मानसिक तनाव पैदा करती हैं। इसी का नजीता है कि आईपीएस रैंक के अफसर आत्महत्या जैसे आत्मघाती कदम उठा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में आईपीएस अफसरों की अगर कोई बड़ी समस्या है तो वह है छुट्टी का न मिलना भी। इसी के कारण काम का दबाव अध्किा बढ़ जाने से भी अफसर आत्महत्या जैसे खौफनाक कदम उठा लेते हैं। जो अफसर इतनी मेहनत करके आईपीएस बनते हैं और नौकरी में आने के बाद वे जिस जीवन को जीने की सोच कर नौकरी करने आते वैसा हो नहीं पाता।
पूर्व डीजपी की मानें तो ड्यूटी का तनाव, पब्लिक की अपेक्षा या नेताओं की अपेक्षाओं को पूरा ना करना, पारिवारिक जिम्मदारियों को पूरा न कर पाना आदि जैसी बड़ी वजहें हैं जो मानसिक तनाव पैदा करती हैं। इसी का नजीता है कि आईपीएस रैंक के अफसर आत्महत्या जैसे आत्मघाती कदम उठा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में आईपीएस अफसरों की अगर कोई बड़ी समस्या है तो वह है छुट्टी का न मिलना भी। इसी के कारण काम का दबाव अध्किा बढ़ जाने से भी अफसर आत्महत्या जैसे खौफनाक कदम उठा लेते हैं। जो अफसर इतनी मेहनत करके आईपीएस बनते हैं और नौकरी में आने के बाद वे जिस जीवन को जीने की सोच कर नौकरी करने आते वैसा हो नहीं पाता।