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ससुर की वजह से गई आकाश आनंद की कुर्सी, क्यों भतीजे को हटा भाई को दी जिम्मेदारी ?  

BSP Leader Akash Anand Dispute: बसपा सुप्रीमों मायावती ने रविवार को बड़ा फैसला लिया। उन्होंने अपने भतीजे नेशनल कॉर्डिनेटर आकाश आनंद को पद से हटा भाई आनंद कुमार को जिम्मेदारी सौंपी है। क्या है इसके पीछे की वजह आइए बताते हैं ? 

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लखनऊ

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Nishant Kumar

Mar 02, 2025

BSP

BSP Leader Akash Anand and Mayawati Family Dispute: राजनीति में ‘जब तक कुर्सी है, तब तक ताकत है’ का कंसेप्ट अभी भी बरकारार है और आगे भी रहेगा। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने रविवार को अपने भतीजे आकाश आनंद से कुर्सी छीन ली और भाई आनंद कुमार को सौंप दी। कुर्सी पिता के पास हो या पुत्र के पास बात बराबर है लेकिन यहां मामला थोड़ा पेचीदा है। आइए समझते हैं आखिर मायावती ने ऐसा क्यों किया ?

क्यों छीनी कुर्सी ?

आकाश आनंद के ससुर हैं अशोक सिद्धार्थ। राज्यसभा सांसद थें। कभी बसपा के कोर कमेटी के मेंबर भी हुआ करते थें हालांकि अब उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। आरोप है कि उन्होंने देश और उत्तर प्रदेश में पार्टी को कई गुटों में बांट दिया है। अशोक सिद्धार्थ के इसी आरोप का छींटा उनके दामाद आकाश आनंद पर भी पड़ा और कुर्सी चली गई।

मायावती ने क्या कहा ? 

मायावती ने कहा कि कांशीराम के विचारों पर चलते हुए, अशोक सिद्धार्थ (जो आकाश आनंद के ससुर भी हैं) को पार्टी और आंदोलन के हित में बाहर का रास्ता दिखाया गया है। उन पर उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में पार्टी को गुटबाजी के जरिए कमजोर करने का आरोप था। जहां तक आकाश आनंद का संबंध है, यह सभी जानते हैं कि उनकी शादी अशोक सिद्धार्थ की बेटी से हुई है।

आनंद कुमार संभालेंगे पार्टी की जिम्मेदारी

मायावती ने आगे कहा कि अब जब अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है, तो यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि उनकी बेटी पर उनके विचारों का कितना प्रभाव पड़ता है और वह आकाश आनंद को किस हद तक प्रभावित कर सकती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए, पार्टी के हित में आकाश आनंद को सभी जिम्मेदारियों से अलग कर दिया गया है। इस स्थिति के लिए पार्टी नहीं, बल्कि पूरी तरह अशोक सिद्धार्थ ही जिम्मेदार हैं, जिन्होंने आकाश आनंद के राजनीतिक करियर को भी नुकसान पहुंचाया। अब उनकी जगह पहले की तरह ही आनंद कुमार पार्टी के सभी कार्यों को संभालते रहेंगे

 साल भर में दूसरी बार छीनी गई कुर्सी 

आकाश आनंद से साल भर में दूसरी बार कुर्सी छीनी गई है। 7 मई 2024 को आकाश आनंद की गलतबयानी के कारण मायावती ने उनसे सभी जिम्मेदारियां छीन लीं। उन्होंने न केवल आकाश को उत्तराधिकारी पद से हटाया, बल्कि नेशनल कोऑर्डिनेटर पद से भी हटा दिया। इस दौरान मायावती ने स्पष्ट किया कि आकाश अभी अपरिपक्व (इमेच्योर) हैं और उन्हें जिम्मेदारियों के लिए और परिपक्व होने की जरूरत है। 47 दिन बाद मायावती ने अपना फैसला बदल दिया। 23 जून 2024 को उन्होंने आकाश आनंद को फिर से अपना उत्तराधिकारी घोषित किया और नेशनल कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी भी सौंप दी।  

2023 में मिली थी जिम्मेदारी

अब, एक बार फिर मायावती ने आकाश आनंद से सारी जिम्मेदारियां छीन ली हैं, जिससे पार्टी में एक बार फिर बड़े बदलाव के संकेत मिल रहे हैं। बसपा ने 10 दिसंबर 2023 को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के नेताओं की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में मायावती ने अपने सबसे छोटे भाई आनंद कुमार के बेटे आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित किया था। उन्होंने पार्टी की विरासत और राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए अपने भतीजे पर विश्वास जताया था।

परिवार को लेकर मायावती ने क्या कहा ? 

मायावती ने कहा कि बदले हुए हालात को देखते हुए, अब हमने यह निर्णय लिया है कि अपने बच्चों के रिश्ते केवल गैर-राजनीतिक परिवारों में ही करेंगे। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भविष्य में हमारी पार्टी को किसी भी तरह का नुकसान न हो, जैसा कि अशोक सिद्धार्थ के मामले में देखने को मिला।

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आखिरी सांस तक कोई नहीं होगा BSP का उत्तराधिकारी

मायावती ने आगे कहा कि इसके साथ ही, मैंने खुद भी यह फैसला लिया है कि मेरे जीते जी और आखिरी सांस तक पार्टी में मेरा कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। मेरे लिए पार्टी और आंदोलन ही सर्वोपरि हैं, जबकि परिवार और रिश्ते उसके बाद आते हैं। जब तक मैं जीवित रहूंगी, पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ पार्टी को आगे बढ़ाने का काम करती रहूंगी।