कल्पना तिवारी ने पुलिसिया कार्यशैली पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर पुलिसवालों को कुछ गलत लग रहा था तो क्या सीधे गोली मार दी जाती है? पुलिस को उन्हें पकड़कर पूछताछ करनी चाहिये थी। फिर भी गोली मारनी थी तो पैर में हाथ में भी मार सकते थे, लेकिन पुलिसवालों उन्हें जान से मारना चाहते थे। यही कारण है कि उनके सिर के पास गोली मारी गई।
विवेक तिवारी एपल कंपनी में एरिया मैनेजर के पद पर कार्यरत थे। शुक्रवार देर रात वह अपनी महिला सहकर्मी को कार से उसके घर छोड़ने जा रहे थे। गश्त के दौरान एक सिपाही ने कथित तौर पर संदिग्ध गतिविधियों के चलते विवेक को गोली मार दी, जिससे रात में ही उनकी मौत हो गई। मामले में आरोपी पुलिस कॉन्स्टेबल प्रशांत चौधरी और उनके एक सहकर्मी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लखनऊ में कोई एनकाउंटर नहीं हुआ। घटना को लेकर एसआईटी जांच के आदेश दे दिये गये हैं। जरूरी होगा तो सीबीआई से भी जांच करवाई जाएगी। सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया ने विवेक हत्याकांड को लेकर योगी सरकार और यूपी पुलिस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इस मामले में मुख्यमंत्री योगी आदित्नाथ डीजीपी ओपी सिंह सार्वजनिक रूप से जनता और मृतक के परिवार से माफी मांगें। साथ ही पीड़ित परिवार की अधिक से अधिक सहायता करें।