
Cycle Track
लखनऊ. गुरुवार तीन जून को विश्व साइकिल दिवस (World Bicycle Day) है। सेहत व पर्यावरण के लिए साइकिलिंग काफी फायदेमंद होती है। उत्तर प्रदेश में पिछली समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) सरकार में मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने साइकलिंग को अहमियत को समझते हुए प्रदेश के कई जिलों में अलग से अरबों रुपयों की लागत से साइकिल ट्रैक के निर्माण करा दिए। आज भी इन्हें देखा जा सकता है, लेकिन इसका उपयोग नाममात्र लोग भी करते नजर नहीं आते। लोग साइकलिंग तो करते, लेकिन सड़कों पर। साइकिल पथ का उपयोग अधिकतर दो व चार पहिया वाहनों के पार्किंग के लिए, सब्जी बेचने वाले व लोगों को सोने के लिए होता दिखता है। कई लोग तो धोबी घाट की तरह इन पर कपड़े धोते भी नजर आ जाते हैं। सदुपयोग न होता देख सत्ता में आने के बाद भाजपा सरकार ने कई साइकिल ट्रैक्स को तो हटा ही दिया। जो बचे हैं, उनका हाल बेहाल है।
सबसे लंबे साइकिल ट्रैक की स्थिति जर्जर-
इटावा से आगरा तक 207 किलोमीटर लंबा साइकिल ट्रैक उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट था। इस पर 133 करोड़ रुपये की लागत आई थी। लेकिन पूरी तरह से उपेक्षा और विफलता ने इसे जर्जर स्थिति में ला दिया है। बर्बाद हो चुके साइकिल ट्रैक फिटनेस प्रेमियों को भी आकर्षित नहीं करते हैं। कंक्रीट से बने इन साइकिल ट्रैक को वास्तव में कभी संरक्षण भी नहीं मिला। साइकिल के शौकीन प्रमोद कटारा का कहना है कि साइकिल ट्रैक के कई हिस्सों का इस्तेमाल ग्रामीण गाय के गोबर के उपले सुखाने के लिए या कपड़े धोने के लिए कर रहे हैं।
सिक्स लेन रोड के लिए साइकिल ट्रैक को तोड़ दिया गया-
आगरा में खूबसूरत साइकिल ट्रैक को तोड़ दिया गया। दरअसल खेरिया हवाई अड्डे को ताजमहल से जोड़ने वाली छह लेन वाली फतेहाबाद रोड के लिए रास्ता तैयार करना था, इसके मद्देनजर इसे हटा दिया गया। शहर के माल रोड के साथ साइट पर एक ठेकेदार ने कहा कि चूंकि सड़क के इस खंड का उपयोग अक्सर वीआईपी और विदेशी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया जाता है, इसलिए इसे चौड़ा करने की योजना लंबे समय से पाइप लाइन में थी।
लखनऊ में भी हैं अतिक्रमण-
लखनऊ के हजरतगंज के साथ-साथ कई क्षेत्रों में साइकिल ट्रैक को अवैध पार्किंग क्षेत्र में बदल दिया गया है। कुछ वीआईपी क्षेत्रों जैसे गोल्फ क्लब, कालिदास मार्ग और विक्रमादित्य मार्ग पर ट्रैक अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर रखा है। इन साइकिल ट्रैकों से पहले से ही संकरी सड़कें और सिकुड़ गई हैं। अधिकांश साइकिल चालक अभी भी विभिन्न कारणों से आने-जाने के लिए मुख्य सड़कों का उपयोग करते हैं। साइकिल ट्रैक पर वाहनों का पार्क होना, स्ट्रीट वेंडर्स का ट्रैक को उपयोग करना, लोगों के इन पर सोने के कारण कई साइकलिस्ट इन पथों का इस्तेमाल नहीं कर पाते।
Published on:
02 Jun 2021 06:33 pm
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