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राष्ट्रपति से मुलाकात कर कनिष्क ने सौपी – ‘स्पोर्ट्सः ए वे ऑफ लाइफ’

उत्तर प्रदेश के राज्यस्तरीय बैडमिंटन खिलाडी रह चुके युवा शोधकर्ता कनिष्क पाण्डेय ने राष्टंपति भवन में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से भेंट कर 'स्पोर्ट्स : ए वे ऑफ लाइफ' नामक मौलिक शोध भेंट किया।

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Laxmi Narayan

Jul 22, 2017

Kanishk Pandey Meets President Pranab Mukherjee

Kanishk Pandey Meets President Pranab Mukherjee

लखनऊ.
दिल्ली विश्वविद्यालय के एलएलबी के छात्र एवं उत्तर प्रदेश के राज्यस्तरीय बैडमिंटन खिलाडी रह चुके युवा शोधकर्ता कनिष्क पाण्डेय ने राष्टंपति भवन में राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से भेंट कर 'स्पोर्ट्स : ए वे ऑफ लाइफ' नामक मौलिक शोध भेंट किया। कनिष्क ने अपनी स्नातक की पढ़ाई दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से की है जबकि वर्तमान में दिल्ली से की और वर्तमान में नई दिल्ली के कैम्पस लॉ सेंटर दिल्ली विश्वविद्यालय के एलएलबी के छात्र है।


कनिष्क ने मात्र 25 वर्ष की उम्र में स्वतन्त्र रूप से तीन वर्षों तक शोध कार्य किया और उसका संकलन कर खेल पर एक नवीन एवं मौलिक शोध 'स्पोर्ट्सः ए वे ऑफ लाइफ' तैयार किया जिसे उन्होंने 20 जुलाई 2017 को राष्ट्रपति को भेंट किया। इस शोध में खेलों के के माध्यम से राष्ट्रीय चरित्र निर्माण के संकल्प को दोहराया गया है। खेल पढ़ाई के मार्ग में बाधक है, इस नकारात्मक सोच को तथ्यों के सहारे गलत सिद्ध किया गया है।


कनिष्क कहते हैं कि खेल और पढ़ाई में सामंजस्य स्थापित कर जीवन में उच्चतम शिखर पहुंचा जा सकता है और इसके समर्थन में प्रमाण दिए गए हैं। कनिष्क की राष्ट्रपति से 15 मिनट की मुलाकात के दौरान प्रणव मुखर्जी ने लेखक कनिष्क से अनुसन्धान कार्य की विषयवस्तु के बारे में जानकारी चाही और पूछा की यह शोध समाज को कैसे बदलेगा। जवाब में कनिष्क ने बताया कि कम आयु में ही खेल से जुड़ जाने से व्यक्ति में 16 से अधिक खेल मूल्यों का विकास होना प्रारम्भ हो जाता है, जिससे उसमें नैराष्य के भाव नहीं आते है। हिन्दी की पुस्तक बाजार में पहले से उपलब्ध है और अंग्रेजी संस्करण की पुस्तक को प्रकाशित करने के लिए विदेशी प्रतिष्ठित प्रकाशन ने सहमति प्रदान की है। साथ इस इस पुस्तक का संस्कृत और उर्दू में भी अनुवाद चल रहा है।


अनुसन्धान कार्य का औपचारिक तौर पर प्रतिष्ठित बैडमिन्टन खिलाडी पुलेला गोपीचंद और यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर वेदप्रकाश ने विमोचन किया था। इस शोध में माइक टायसन, मोहम्मद अली,
मैरी कॉम
,
युवराज सिंह
,
सचिन तेंदुलकर
आदि खिलाडियों की जीवनी को आधार बनाया गया है। शोध के दौरान औद्योगिक इकाइयों के कर्मचारियों और अवसाद के मरीजों पर विशेष अध्ययन किया गया। कनिष्क लखनऊ के रहने वाले हैं और उनके पिता डॉ अजय शंकर पाण्डेय आईएएस अफसर हैं जो इस समय राजस्थान में तैनात हैं।