क्या है हादसे की वजह एक्सप्रेस वे पर नियमों की अनदेखी हादसे का मुख्य कारण बनती है। 165 किमी लंबे यमुना एक्सप्रेस वे पर 19 सीसीटीवी कैमरे, 25 वीडियो इंसीडेंट डिटेक्शन सिस्टम कैमरे, 30 स्पीड कैमरे मय ऑटोमेटिड नंबर प्लेट रीडर की सुविधाएं हैं। तीनों टोल प्लाजा पर बने कंट्रोल रूम में इस सिस्टम से हर वाहन का रिकार्ड रहता है। कौन सा वाहन किस स्थान पर कितनी गति से गुजरता है, इसकी रिकॉर्डिंग रहती है।
ये भी पढ़ें: पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का विस्तार बलिया तक, होगा देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे एक्सप्रेस वे पर हादसों का मुख्य कारण है ओवरस्पीडिंग। इस हाईवे पर गाड़ियों की रफ्तार की तय सीमा है। वाहनों की गति पर नगर रखने के लिए हाईवे पर जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। दोपहिया वाहनों के लिए हेलमेट अनिवार्य है और ओवरस्पीडिंग पर जुर्माना लगाने का प्रावधान है। लेकिन इसके बाद भी लोग इस नियम की अनदेखी करते हैं। यमुना एक्सप्रेस वे सबसे ज्यादा हादसे जेवर टोल प्लाजा के अंतर्गत आने वाले जीरो प्वाइंट से लेकर 57 किमी के क्षेत्र में हुए हैं। इसमें दनकौर, दयानतपुर और फलैदा नौहझील, मांट और सुरीर थाना क्षेत्र में सबसे ज्यादा दुर्घटनाएं हुई हैं।
एक्सप्रेस वे पर कुल मौतें 2012- 33
2013- 118
2014- 127
2015- 142
2016- 133
2017- 146 2018- 200 से अधिक जुर्माने का प्रावधान ओवरस्पीडिंग वाहनों के लिए 400 से 1000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान।
खतरनाक तरीके से वाहन चलाने पर 1000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान। नियमों के उल्लंघन पर 500 रुपये के जुर्माने का प्रावधान।