लखनऊ. सीएम योगी आदित्यनाथ चाहे कितना भी दावा करें की यूपी में कानून का राज होगा, लेकिन अभी उनके दावे हकीकत से कोशों दूर दिख रहे हैं। सूबे की राजधानी में ही आय दिन लूट, डकैती, हत्या, छेडख़ानी, रेप की घटनाएं हो रहीं हैं और पुलिस किसी भी घटना का पर्दाफास तक नहीं कर पा रही है। इससे तो यही लगता है कि योगी का राज आते ही अपराधी बेखौफ हो गए हैं। अपराधियों में कभी पुलिस का खौफ होता था, लेकिन आज अपराधियों को लगता है पुलिस का डर ही नहीं है तभी तो वे आसानी से बड़ी से बड़ी घटनाओं को अंजाम दे देते हैं और पुलिस बाद में केवल लकीर पीटती रह जाती है।
पिछले दिनों राजधानी के पीजीआई इलाके के साउथ सिटी कालोनी में डकैतों ने एचएएल के सुपरवाइजर के घर धावा बोल दिया और दंपति को जमकर पीटा और बंधक बनाकर लाखों का माल लूट ले गए। पुलिस इस घटना का अभी तक पर्दाफास नहीं कर पाई।
उसके बाद पुलिस केवल हवा में तीर मार रही थी कि वहीं गोमतीनगर जैसे पास इलाके में बिजली विभाग के एक रिटायर इंजीनियर के घर डकैतों ने धावा बोल दिया और घर के नौ सदस्यों को बंधक बनाकर मारा-पीटा और नगदी व जेवरात सहित लाखों का माल लूट ले गए।
अभी इन घटनों को पुलिस पर्दाफास भी नहीं कर पाई थी कि विकास नगर में दिनदहाड़े एक घर में लूटेरे घूस गए और लूटपाट करने लगे, इस दौरान परिजनों ने शोर मचाया तो आस पास के लोग एकत्र हो गए, लूटेरे अपने को घिरा देख फायरिंग करते हुए फरार हो गए।
वहीं राजधानी के गुडम्बा थाने में दो सगी बहनों की हत्या का से पूरा इलाका सदमें है। यहां की दो सगी बहनों की हत्यारों ने हर में ही हत्या कर दी, पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।
बुधवार को राजधनी के एक इलाके में छेड़छाड़ के आरोपी को पकडऩे गई पुलिस पर लोगों ने हमला बोल दिया और आंखों में लाल मिर्च का पाउडर झोंककर आरोपी को पुलिस के गिरफ्त से छुड़ा कर लिया। पुलिस किसी तरह जान बचा कर भागी।
यह घटनाएं योगी आदित्यनाथ के राज में बढ़ती अपराध की पोल खोलने के लिए काफी है। गोमतीनगर निवासी रामशरण सिंह कहते हैं कि जब राजधानी में ऐसे हालात हैं तो प्रदेश के अन्य शहर के बारे में क्या कहा जाए।
इंदिरानगर निवासी शांतिभूषण श्रीवास्तव कहते हैं कि राजधानी में आए दिन बढ़ती अपराधिक घटनाओं से तो अब राजधानी में रहना मुश्किल हो गया है, जब आदमी घर में ही सुरक्षित नहीं है तो बाहर की बात ही क्या?