
RSS प्रमुख मोहन भागवत (Photo-IANS)
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने रविवार को कहा कि संघ को भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नज़र से देखना एक बड़ी भूल है। कोलकाता व्याख्यानमाला में RSS के शताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित एक संवाद सत्र में उन्होंने संघ और राजनीति के रिश्ते पर खुलकर बात की।
उन्होंने कहा कि संघ के स्वयंसेवक समाज के अलग-अलग क्षेत्रों में काम करते हैं। कुछ लोग राजनीति में हैं। कुछ सत्तारूढ़ दल से जुड़े हो सकते हैं, लेकिन संघ को किसी एक राजनीतिक दल से जोड़कर देखना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि कई लोगों में संघ को भाजपा की नज़र से समझने की प्रवृत्ति है, लेकिन यह एक बड़ी गलती है।
आरएएस प्रमुख ने आगे कहा कि संघ के बारे में गलत धारणाएं और कथाएं हैं। संघ को समझने के लिए निष्पक्ष दृष्टि जरूरी है, न कि किसी अन्य स्रोतों के आधार पर राय बनाना। संघ का उद्देश्य हिंदू समाज को संगठित करना है, ना कि किसी दूसरे समुदाय का विरोध करना। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर कोई मानता है कि संघ मुस्लिम विरोधी है तो वह अपनी राय बना सकता है, लेकिन यदि यह उससे मेल नहीं खाएं तो राय बदलनी भी चाहिए।
उन्होंने हिंदू को परिभाषित करते हुए कहा कि हिंदू कोई नाम नहीं, बल्कि एक स्वभाव और गुण है। जो लोग अपनी मातृभूमि का सम्मान करते हैं, वे हिंदू हैं। उनकी भाषा, पहनावा, खान-पान या पूजा-पद्धति अलग हो सकती है, लेकिन इससे उनकी पहचान नहीं बदलती।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि वे यह समझें कि हम सभी की पूजा पद्धति अलग हो सकती है लेकिन राष्ट्र, संस्कृति और समाज के स्तर पर हम एक ही हैं। इस दौरान बाबरी मस्जिद के प्रस्तावित मुद्दे पर उन्होंने इसे राजनीतिक साजिश करार दिया। उन्होंने कहा कि यह हिंदुओं और मुसलमानों के हित में नहीं है बल्कि यह केवल वोटों के लिए किया जा रहा है।
इस दौरान उन्होंने सरकारी धन से मंदिर या मस्जिद के निर्माण पर सवाल उठाते हुए कहा कि सोमनाथ मंदिर समाज के सहयोग से बना था, सरकार के पैसे से नहीं। उन्होंने कहा कि राम मंदिर भी सरकार ने नहीं बनाया और सरकार को धार्मिक स्थलों के निर्माण से दूर रहना चाहिए।
Updated on:
22 Dec 2025 04:50 am
Published on:
22 Dec 2025 03:32 am
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