
Srikant Sharma
लखनऊ. यूपी के शिक्षामित्रों पर प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मंगलवार को लोक भवन में हुई कैबिनेट बैठक के बाद प्रदेश सरकार के प्रवक्ता व ऊर्जा मेंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया है कि अब प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बनने के लिए टीईटी के साथ-साथ लिखित परीक्षा भी पास करनी होगी।
गौरतलब है कि यूपी में शिक्षामित्रों के समायोजन पर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए 1.78 लाख शिक्षामित्रों की सहायक अध्यापक के रूप में नियमितीकरण को सिरे से गैरकानूनी ठहराया था। कोर्ट ने कहा था कि शिक्षामित्रों को शिक्षक भर्ती की औपचारिक परीक्षा में बैठना होगा और उन्हें लगातार दो प्रयासों में यह परीक्षा पास करनी होगी। सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला शिक्षामित्रों के लिए किसी बड़े झटके की तरह था जिसके बाद प्रदेश भर ने उन्होंने इस फैसले के खिलाफ आंदोलन किया।
मंगलवार को कैबिनेट मीटिंग के बाद श्रीकांत शर्मा ने कहा कि शिक्षामित्रों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का सरकार अनुपालन करेगी। उन्होंने कहा कि कैबिनेट में शिक्षामित्रों से जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। उन्होंने कहा कि प्राइमरी स्कूल में सहायक अध्यापक बनने के लिए अब परीक्षा देनी होगी। यह परीक्षा टीईटी क्वालीफाई करने के बाद देनी होगी। शिक्षक भर्ती की मेरिट में लिखित परीक्षा के भी अंक जोड़े जाएंगे।
इसके तहत अब प्राइमरी स्कूलों में सहायक अध्यापक बनने के लिए टीईटी के साथ-साथ लिखित परीक्षा भी पास करनी होगी। मतलब ये कि अब तक टीईटी पास अभ्यर्थियों की डायरेक्ट भर्ती हो रही थी, लेकिन अब उन्हें लिखित परीक्षा से भी होकर गुजरना होगा। मेरिट बनाते समय इस लिखित परीक्षा के अंक को भी जोड़ा जाएगा।
श्रीकांत शर्मा ने कहा कि अब यूपी में लिखित परीक्षा के माध्यम से बेसिक शिक्षकों की भर्ती होगी। इसके लिए 60 नंबर लिखित और 40 एकेडमिक होंगे। इस परीक्षा में सिर्फ TET पास अभ्यर्थी ही बैठ सकेंगे।
इसके अलावा शिक्षामित्रों को भर्ती में भारांक का लाभ देने संबंधी प्रस्ताव को भी कैबिनेट की मंजूरी मिल गई। शिक्षक भर्ती में स्थायी नियुक्ति में शिक्षामित्रों को वेटेज के रूप भारांक मिलेगा।शिक्षामित्रों को अधिकतम 10 साल के लिए 25 नंबर मिल सकेंगे। शिक्षामित्रों को प्रति वर्ष के अनुभव के आधार पर ढाई नंबर मिलेंगे।
Published on:
26 Sept 2017 04:19 pm
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