
Youth Do not want Career in Engineering Polytechnic Admission list
वक्त के साथ युवाओं ने अपने करियर को भी बदल लिया है। युवाओं में जूनियर इंजीनियर बनने की ललक लगातार कम हो रही है। उन्हें यह पढ़ाई रास नहीं आ रही है। यह बात हम नहीं बल्कि पॉलिटेक्निक संस्थानों में प्रवेश के लिए परीक्षा कराने वाली संयुक्त प्रवेश परीक्षा परिषद के आंकड़ें कह रहे हैं। पिछले छह साल में आवेदनों की संख्या 50 फीसदी तक कम हो गई है। इसलिए अब सीटें भी घटाई जा रही हैं।
डिप्लोमा के बाद नौकरी नहीं मिलने से प्रवेश के लिए साल दर साल छात्रों की संख्या घटती जा रही है। 2016 में जहां 5,31,132 छात्रों ने आवेदन किया। वहीं इस बार युवाओं की संख्या में आई कमी ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस बार यह आंकड़ा महज 2,67,139 तक सीमित रहा।
30-40 फीसदी नहीं देते परीक्षा
प्राविधिक शिक्षा विभाग का पॉलीटेक्निक चलो अभियान फेल हो गया। पिछले साल संस्थानों में 54170 सीटें खाली रह गई थीं। इस बार भी सीटें खाली रहना लगभग तय माना जा रहा है। क्योंकि हर बार आवेदन करने वाले छात्रों में 30 से 40 फीसदी परीक्षा नहीं देते हैं,जबकि कई फेल हो जाते हैं।
तीन बार तिथि बढ़ने के बाद खाली सीटें
प्रवेश परीक्षा को फरवरी से आवेदन मांगे गए थे। कम आवेदन आने से परिषद ने अंतिम तिथि तीन बार बढ़ाई। फिर भी आवेदनों की संख्या में खास इजाफा नहीं हुआ। परिषद के सचिव राम रतन के मुताबिक अब तक 221956 पुरुष, 45183 महिला अभ्यर्थी सहित 267139 युवाओं ने अपनी फीस जमा की है।
फार्मेसी बन रही पहली पसंद
सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी और कंप्यूटर साइंस जैसी ग्रुप ए की ट्रेड और फार्मेसी युवाओं की पहली पसंद रहीं हैं। इस बार भी ग्रुप ए के लिए 1.64 लाख और फार्मेसी में 65312 युवाओं ने आवेदन किया है। जबकि प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी,फैशन डिजाइनिंग,सेफ्टी इंजीनियरिंग में से किसी भी ट्रेड में प्रदेशभर से 200 आवेदन भी नहीं आए।
एक नजर प्रदेश के आंकड़ो पर
2016 - 5,31,132
2017 - 4,52,334
2018 - 4,50,021
2019 - 4,36,715
2020 - 3,90,894
2021 - 3,02,066
2022 - 2,67,139
Updated on:
15 May 2022 12:00 pm
Published on:
15 May 2022 11:59 am
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