
मां का था इकलौता लड़का...ड्राइविंग सीख रहे रहीसजादे ने कुचल दिया
महोबा. जिले में बिगड़े रहीसजादे की करतूत ने एक घर के इकलौते चिराग को ही बुझा दिया। ड्राइविंग सीखने के दौरान रहीसजादे ने 17 वर्षीय नाबालिग को इस कदर रौंदा कि उसकी अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही मौत हो गई। इकलौते पुत्र की मौत होने से पूरे परिवार में कोहराम मचा है। वहीं दूसरी तरफ आरोपी कार चालक पर कोई भी कार्रवाई पुलिस द्वारा नहीं की गई है। जिससे परिजनों में खासी नाराजगी है।
ये दर्दनाक हादसा महोबा शहर कोतवाली क्षेत्र के कानपूर-सागर राष्ट्रीय राजमार्ग का है। जहां चंदेल पेट्रोल पम्प के पास ये घटना घटित हुई। जिसमें एक परिवार का चिराग ही बुझ गया। भले ही ये एक दुर्घटना हो मगर इसमें एक रहीसजादे के शौक ने एक ज़िंदगी ही खत्म कर दी।दरअसल शहर की लवकुश नगर रोड पर बनी कांशीराम कालोनी में रहने वाले पेशे से मैकेनिक रहीस खान अपनी पत्नी गुड़िया के साथ रहता है। एक तो परिवार पर तंगहाली उस पर उसके कोई औलाद नहीं थी। जिसके चलते रहीस खान ने अपने ही रिश्तेदार से आरिफ को बचपन में गोद लिया था।
पति-पत्नी ने उसे बड़ी मुश्किलों से पाला और पढ़ा रहे थे । 17 साल का आरिफ ही इस दंपत्ति का एक मात्र सहारा था। आरिफ बीएससी प्रथम वर्ष का छात्र था। मगर उन्हें क्या पता था उनका गोद लिया हुआ ये सहारा भी एक रहीसजादे की शौक और लापरवाही की भेंट चढ़ जाएगा।
आरिफ के पिता रहीस खान बताते है कि कार इतनी तेज थी कि पहले तो उसने एक ऑटो को बचाया और फिर उसके पुत्र को रौंद दिया। उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल ले गए जहां उसकी हालत गंभीर देख रेफर कर दिया गया।
इस मामले में पुलिस से भी शिकायत की गई मगर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है। घटना के बाद से मृतक की मां और पिता गमजदा है और इंसाफ की गुहार लगा रहे है, जबकि परिवार पर रसूखदार दबाब बना रहे है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, जबकि आरोपी कार चालक अभी भी फरार है।
Updated on:
07 Jul 2018 04:22 pm
Published on:
07 Jul 2018 03:40 pm
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