
महोबा. भाजपा विधायक ब्रजभूषण राजपूत के फरमान के बाद चरखारी में मुहर्रम की 160 साल पुरानी परंपरा टूट गई। विरोध में आक्रोशित मुसलमानों ने जमकर प्रदर्शन किया। मामला बिगड़ता देख एसपी, प्रभारी डीएम, एक प्लाटून पीएसी और कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंची। देखते ही देखते चरखारी कस्बा छावनी में तब्दील हो गया। सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपरा टूटने से आक्रोशित मुसलमानों ने प्रशासन पर भी एकतरफा कार्रवाई करने आरोप लगाया। देर रात तक माहौल तनावपूर्ण बना रहा, जिसे देखते हुए पुलिस-प्रशासन रात भर शांति-व्यवस्था में लगा रहा।
कोतवाली चरख़ारी कस्बा क्षेत्र में मुहर्रम के आखिरी दिन उस समय अफरा-तफरी मच गई, जब बीजेपी के चरख़ारी विधायक ब्रजभूषण राजपूत के फरमान ने ताजिया निकासी की परंपरा को तोड़ दिया। इस बात से नाराज मुस्लिम युवक आक्रोशित हो गए और जमकर नारेबाजी की। इस बीच कई बार पुलिस को भीड़ को काबू करने के लिए हल्का बल का प्रयोग भी करना पड़ा।
क्या है चरखारी में ताजिया रखने की परंपरा
मामला पुरानी परंपरा से जुड़ा है। चरख़ारी कस्बे की 160 वर्ष पुरानी परंपरा है कि ताजिया राजा के ड्योढ़ी के अंदर जाकर फिर शहर के चक्कर लगाने के बाद आखिरी मुकाम पर पहुंचती थी। इस गेट के अंदर बनी हवेली पर अब चरख़ारी विधायक ब्रजभूषण राजपूत का मालिकाना हक है। पूर्व में पर्व को लेकर पुलिस और प्रशासन द्वारा पीस कमेटी की बैठक भी की गई, मगर किसी भी प्रकार के विवाद की बात सामने नहीं आई थी। मगर रविवार को जब रात में ताजिया उठने के बाद राजा के ड्योढ़ी दरवाजा पर पहुंची तो अचानक गेट बंद कर दिया गया और ताजिया अंदर आने की मनाही का फरमान विधायक ने सुना दिया। इसके बाद देखते ही देखते भारी भीड़ और ताजिया दरवाजे पर इकट्ठा हो गए।
विधायक ने बताई वजह
मामले की भनक लगते ही एसडीएम चरख़ारी और सीओ कोतवाली पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। विधायक ने बताया कि उनकी जान को खतरा है और कई बार उन्हें राष्टीय-अंतरराष्ट्रीय फोन पर जान से मारने की धमकी मिल चुकी है। ऐसे में भीड़ का अंदर आना उनकी जान के लिए खतरा है।
...जब जबरन गेट में घुसने लगे मुस्लिम युवक
मुस्लिम समाज अपनी परंपरा को लेकर नाराज हो गए और जबरन गेट के अंदर जाने की कोशिश करने लगे। मामला बिगड़ता देख एसपी एन. कोलांचि, प्रभारी डीएम आनंद कुमार सहित एक गाड़ी पीएसी सहित कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई। प्रशासन द्वारा कई बार विधायक से फोन पर सम्पर्क कर मामले के निदान की कोशिश की गई, मगर वो नहीं मानें। ऐसे में पुलिस विधायक के पक्ष में नजर आने लगी और गेट के अंदर जाने से मुसलमानों और ताजियों को रोक दिया गया। देखते ही देखते भारी भीड़ नारेबाजी पर उतर आई और या हुसैन-या हुसैन की नारेबाजी होने लगी। गेट में घुसने को लेकर कई बार पुलिस को धक्का मुक्की और बल का प्रयोग करना पड़ा।
मुहर्रम कमेटी की पहल से प्रशासन ने ली चैन की सांस
मामला बिगड़ता देख मुहर्रम कमेटी आगे आई और खुद ही ताजिया अंदर ले जाने से मना कर दिया, जिसे प्रशासन ने लिखित में लेकर चैन की सांस ली। मुहर्रम कमेटी के इस फैसले से मुस्लिम युवक खासे नाराज नजर आए और कई स्थानों पर बवाल काटने लगे। कई बार पुलिस को उन्हें खदेड़ना पड़ा।
मुसलमान बोले- बीजेपी विधायक ने चरखारी के भाईचारे को बर्बाद कर दिया
पूरे मामले को लेकर समाजसेवी मईया का कहना है कि मुहर्रम कमेटी ने चैन बरकरार रखने के लिए ये फैसला लिया है। जबकि मुस्लिम नागरिक इस बात से नाराज हैं। उनका कहना है कि बीजेपी विधायक ने चरख़ारी के भाईचारे को बर्बाद कर दिया है। चरख़ारी को हिन्दू-मुस्लिम में बांट दिया है। अल्पसंख्यकों को दबाया जा रहा है। 160 सालों से दरवाजे के अंदर जा रहे हैं। इसे रोकना गलत है। प्रशासन विधायक के समर्थन में था और हमें अपनी बात रखने तक नहीं दी। मुसलमानों ने कहा कि जो कई सालों से नहीं हुआ वो बीजेपी की 6 महीने की सरकार में हो रहा है। यहां का मुसलमान किसी अनहोनी से डरा हुआ है।
एसपी ने कहा- विधायक ने अचानक लिया फैसला
एसपी एन. कोलांचि ने बताया कि ये परम्परा पुरानी है, लेकिन अचानक विधायक ने अंदर जाने पर रोक लगा दी। उसके बाद थोड़ा नाराजगी हुई है। अचानक विधायक को ऐसा नहीं बोलना चाहिए था। पीस कमेटी की बैठक में भी ऐसी समस्या सामने नहीं आई थी और न ही विधायक ने कभी प्रशासन को सूचित किया। स्थिति को देखते हुए एक गाड़ी पीएसी और भारी पुलिस बल लगाया गया है, ताकि किसी प्रकार की कोई अनहोनी न हो। प्रभारी डीएम आनंद कुमार ने बताया कि अब माहौल शांत है, अब कोई दिक्कत नहीं है।
Updated on:
02 Oct 2017 12:55 pm
Published on:
02 Oct 2017 10:31 am
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