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तीसरे प्रयास में यूपीएससी क्रेक करने वाली उज्जैन की रोचिका गर्ग ने साझा किए सफलता के गुर

गिर जाओ तो घबराओ नहीं, उठो और फिर चल पड़ो...मंजिल जरूर मिलेगी  

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महू

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rajesh jarwal

May 24, 2023

Ujjain's Rochika Garg, who cracked UPSC in the third attempt, shared her success tricks

गिर जाओ तो घबराओ नहीं, उठो और फिर चल पड़ो...मंजिल जरूर मिलेगीबेटी ने बढ़ाया शहर का मान...

उज्जैन. यूपीएससी-सीएसई 2022 के परिणाम मंगलवार को घोषित हुए, जिसमें उज्जैन की रोचिका गर्ग को सफलता हाथ लगी। उन्होंने 174वीं रैंक हासिल की है। उन्होंने अपनी सफलता का मंत्र साझा करते हुए पत्रिका से कहा कि गिरते हैं शहसवार (घुड़सवार) ही मैदान-ए-जंग में, वो तिफ़्ल (छोटा बच्चा) क्या गिरे, जो घुटनों के बल चले।
मंगलवार को यूपीएससी के रिजल्ट में उज्जैन से एक अभ्यर्थी को सफलता मिली, जबकि चार ने साक्षात्कार दिए थे। उज्जैन शहर के अरिहंत नगर में रहने वाले उद्योगपति राजेश गर्ग और सुनीता गर्ग की बेटी रोचिका गर्ग ने शहर का नाम रोशन किया। रोचिका बोलीं, पहली बार जब यूपीएससी क्लीयर नहीं कर पाई तो दूसरी बार ज्यादा मेहनत की। दूसरी बार भी सफलता नहीं मिल पाई तो अगली बार के लिए और ज्यादा तैयारी की। आखिर तीसरी बार में महाकाल की कृपा और माता-पिता के आशीर्वाद से सफलता हाथ लगी। सभी से एक ही बात कहना चाहती हूं, Óगिर जाओ तो घबराओ नहीं, उठो और फिर चल पड़ो..मंजिल जरूर मिलेगी।Ó
मेहनत से साकार किया सपना
रोचिका की स्कूली शिक्षा उज्जैन के सेंट मेरी स्कूल से हुई। उन्होंने 12वीं 94 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। इसके बाद भोपाल के एनआइटी में बीटेक में चयन हुआ। इलेक्ट्रिकल इंजीनियङ्क्षरग में बीटेक करने के बाद बड़ी कंपनी में लाखों के पैकेज पर प्लेसमेंट मिला। मैंने जॉब जॉइन नहीं की क्योंकि सिविल सर्विस जॉइन करने का सपना था, जो आज सच हुआ।
उद्योगपति हैं पापा, वे ही मेरा संबल
रोचिका के पिता राजेश गर्ग पावर लूम उद्योग के मालिक हैं, जबकि माता गृहिणी हैं। पिता राजेश गर्ग का कहना है कि हमारे परिवार में यही इकलौती संतान है। मेरे लिए यही बेटा और यही बेटी है। इसे कभी हताश नहीं होने दिया।
मेहनत के साथ स्ट्रेटजी जरूरी- रोचिका बोलीं, मैंने यूपीएससी की तैयारी के लिए दिल्ली में ११ महीने की कोङ्क्षचग की। कोविड समय में ऑनलाइन तैयारी की। ऑप्शन मैथ्स सब्जेक्ट से यूपीएससी क्लीयर की। दो बार फेल होने के बाद घरवालों व दोस्तों ने भी खूब मदद की, हारने नहीं दिया।
१0 घंटे रोज की तैयारी
रोचिका ने बताया, मैंने प्रतिदिन १० से ११ घंटे मेहनत की। यूपीएससी के लिए सतत के साथ स्मार्ट मेहनत की जरूरत होती है। करंट अफेयर्स के अखबार बहुत मददगार साबित होते हैं। एनालिटिकल स्टडी जरूरी है। ऑप्शन सब्जेक्ट पर पकड़ चाहिए। मोबाइल फोन का उपयोग बंद तो नहीं किया, लेकिन लिमिटेड उपयोग करती थी। आइएएस और आइपीएस के लिए फिर से मेहनत कर परीक्षा दूंगी। अभी आइआरएस अवार्ड होने की संभावना है।
घर पर मनी दिवाली
मंगलवार को रिजल्ट आने के बाद रोचिका के अरिहंत नगर स्थित घर पर दिवाली जैसा माहौल रहा। रोचिका के माता पिता दादी ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर घर में बधाई दी। अन्य परिजन भी बधाई देने घर पहुंचे।
चार में से एक सफल
उज्जैन से यूपीएससी की तैयारी करने वाले चार अभ्यर्थियों में से एक को सफलता मिली। रोचिका के अनुसार उनके अलावा उज्जैन से श्वेता तोमर, यश ढोबले और गौरव गुप्ता ने भी इंटरव्यू दिया था। सफलता रोचिका के ही हाथ लगी।