को-वर्किंग स्पेस से करें शुरुआत
आर्थिक स्थिरता के लिए सबसे जरूरी है अपने प्रतिदिन के खर्चों को कम किया जाए। आप या तो रेंटेड फर्नीचर का इस्तेमाल करें, नहीं तो को-वर्किंग स्पेस का इस्तेमाल आपके स्टार्टअप के लिए बेहतर होगा क्योंकि एक बिल्डिंग में ऑफिस सेटअप करने और डेली होने वाले खर्चों से बचने के लिए को-वर्किंग स्पेस का आइडिया बेहतर है। यदि आप मेट्रो सिटी में हैं तो आपको कई सारे को-वर्किंग स्पेस के ऑप्शन मिलेंगे। जहां आप एक फिक्स्ड अमाउंट देकर ऑफिस स्पेस ले सकते हैं। इसके अलावा मेम्बरशिप का ऑप्शन भी अधिकतर को-वर्किंग स्पेस कंपनियां उपलब्ध कराती हैं, जो कि आपके लिए खासा फायदेमंद हो सकता है।
प्रोफिट का इस्तेमाल तरीके से
जो स्टार्टअप तीन वर्ष से अधिक समय से चल रहे हैं उनमें प्रोफिट आना शुरू हो जाता है लेकिन अनुभव की कमी के चलते ज्यादातर स्टार्टअप प्रोफिट का उपयोग संभलकर नहीं कर पाते। देश में 30 प्रतिशत से अधिक स्टार्टअप अपने पहले प्रोफिट का इस्तेमाल गैर जरुरी खर्चों में करते हैं, जिनमें बोनस, प्रोडक्ट लॉन्च, पार्टी या ऑफिस इंटीरियर हंै। नतीजतन आप प्रोफिट के बाद भी नो प्रोफिट-नो लॉस की स्थिति में पहुंच जाते हैं।
टारगेट रिव्यू करें
स्टार्टअप की सफलता के लिए जरुरी है कि आप अपने द्वारा तय किए गए लक्ष्यों का रिव्यू करते रहें। वर्तमान में आपके पास जितना पैसा है, उसी के अनुसार फ्यूचर प्लानिंग करें। यदि जरुरत पड़े तो आप अपने लक्ष्यों में बदलाव भी कर सकते हैं। इसके अलावा अपने इंवेस्टर्स को भी अपने फ्यूचर प्लान के बारे में जानकारी देते रहें, जिससे उनका आपमें विश्वास भी बना रहे।
अच्छा बजट बनाएं
प्रोफिट को मैनेज करने का सबसे अच्छा उपाय है एक बेहतर बजट। आप मार्केटिंग में अधिक फोकस करना चाहते हैं या फिर अपने प्रोडक्ट या सर्विस को अधिक बेहतर करने के लिए बदलाव करना चाहते हैं तो बजट बनाते समय संबंधित विभागों के एक्सपर्ट की राय अवश्य लें। जब प्रोफिट से बजट का डिस्ट्रीब्यूशन करेंगे तो एक्सपर्ट की राय से आपको मदद मिलेगी।