कोरोना के केस नहीं मिलने पर वैक्सीनेशन भी बंद किया गया, जल्द ही हो सकती है शुरुआत
मंडला. कोरोना महामारी को लेकर जिले में न तो शासन-प्रशासन द्वारा अब तक कोई गाईड लाईन जारी की गई है न ही आमजनों में कोरोना के नए वैरियंट को लेकर कोई सतर्कता देखी जा रही है। गौरतलब है कि चीन में कोरोना का एक नया वैरियंट बीएफ-7 तेजी से फैल चुका है जिसको लेकर शासन-प्रशासन से जुड़े उच्चाधिकारियाें, जनप्रतिनिधियों की बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है लेकिन अब तक की स्थिति में कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किए गए हैं। वहीं दूसरी ओर जिले में कोरोना से बचाव के लिए लगाई जा रही वैक्सीन से बड़ी संख्या में लोग वंचित हैं। कोरोना महामारी से बचने के लिए वैक्सीन लगाने की शुरूआत जनवरी 2021 से हो गई थी। वहीं 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों को वैक्सीन मई 2021 से लगाया जाना शुरू कर दिया गया था। जिले में 18 वर्ष से 44 वर्ष तक के 518126 युवाओं को पहली डोज लगाया जाना था जिसमें अब तक की स्थिति में 452809 युवाओं को पहली डोज दी जा चुकी है। वहीं बाकी 50 हजार से अधिक युवाओं ने अभी पहली डोज ही नहीं लगवाई है। ऐसी स्थिति में कोरोना महामारी वैक्सीन न लगवाने वाले लोगों के लिए मुसीबत बन सकती है। वैक्सीनेशन को लेकर सरकारी अभियान भी सुस्त गति से चल रहा है। जिन युवाओं ने पहली डोज लगवाई थी उनमें शत प्रतिशत ने दूसरी डोज भी लगवा ली है, लेकिन प्रिकॉसन डोज लगवाने में फिर युवाओं का आंकड़ा काफी कम है। 18 वर्ष से 44 वर्ष तक के 456700 युवाओं में से मात्र 82526 युवाओं ने ही अर्थात मात्र 23 प्रतिशत युवाओं ने ही प्रिकॉसन डोज लगवाई है। वहीं कोरोना के मामले सामने नहीं आने से कई दिन पहले ही वैक्सीन लगाना बंद कर दिया गया है।
वैक्सीनेशन सेंटर भी काफी समय से बंद है। हालांकि जल्द ही वैक्सीनेशन फिर से शुरू करने की बात कही जा रही है।
बच्चे रहे आगे
कोरोना महामारी से हमेशा से वृद्धाजनों, पहले से बीमार के साथ ही बच्चों के लिए खतरा बताया जाता रहा है, जिसके चलते जल्द बच्चों के लिए वैक्सीन की मांग की जा रही थी इसी वर्ष की शुरूआत से बच्चों को भी वैक्सीन देना शुरू कर दिया गया। 15 से 17 वर्ष तक के 68121 बच्चों में से 62070 बच्चों ने पहली डोज लगवा चुके हैं वहीं इनमें से 45268 बच्चों ने दूसरी डोज भी लगवा ली हैं। इसी तरह 12 से 14 साल के बच्चों की बात करें तो 40748 बच्चों में 32232 बच्चों ने पहली डोज लगवाई है चूंकि जनवरी 2022 आते-आते कोरोना के केस में काफी गिरावट आ गई थी जिससे बड़ी संख्या में बच्चे दूसरी डोज नहीं लगवाए हैं। इसमें 32232 बच्चों में मात्र 13969 बच्चों अर्थात 43 प्रतिशत बच्चों ने ही दूसरी डोज लगवाई है।