सुरक्षाकर्मियों की किसी भी प्रकार की शिकायत पुरात्वत विभाग में नहीं है। ईमानदारी से काम करने के बाद भी कर्मचारियों को निकाला जा रहा है। कोरोना काल में भी कर्मचारियों ने अपनी दायित्वों का निर्वाहन किया। इसके बाद भी इन्हे काम से निकाला जा रहा है। जिससे उन्हें अपने परिवार के भरण पोषण की चिंता सताने लगी है।
श्रमविभाग में हुआ था समझोता
सुरक्षा कर्मचारियों को जुलाई माह के बाद काम में ना आने के लिए कंपनी के अधिकारियों ने कहा। इसके साथ 8 सुरक्षा कर्मचारियों के स्थान पर नये कर्मचारी रख लिए गए। जिसके बाद सुरक्षा कर्मचारी मनीष चंद्रौल, चंद्रभान धनगर, राजकुमार झारिया, महावीर शरण, संजू झारिया, विजय बरमैया, मंगल धनगर, कमलेश मार्काे ने श्रम विभाग और संग्रहाध्यक्ष पुरातत्व एवं संग्रहालय में शिकायत की थी। कृष्णा सिक्योरिटी एंड लेबर सप्लायर सर्विस प्राइवेट लिमिटेड भोपाल तरफ से सैयद साहिद अली के साथ श्रम विभाग कार्यालय में समझौता हुआ था कि कंपनी द्वारा निर्धारित मानदेय पर पुन: कार्य पर रखा जाएगा। लेकिन समझौते का पालन नहीं किया जा रहा है। जिसकी शिकायत पीडि़त सुरक्षा कर्मियों ने कलेक्टर से की है।
गोड़वाना गणतंत्र पार्टी के संभागीय उपाध्यक्ष देवन्द्र मरावी का कहना है कि वर्षों से पुरात्व धरोहरों की सुरक्षा में लगे कर्मचारियों को निकाला जाना उचित नहीं है। सभी धरोहरों की सुरक्षाकर्मियों को ग्राम पंचायत के माध्यम से कार्य कराया जाना चाहिए। ताकी स्थानीय लोंगो को रोजगार के साथ उचित मानदेय उन्हें मिल सके।