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बच्चियां अभिनेत्री नहीं विरांगना बने

बच्चियां अभिनेत्री नहीं विरांगना बने

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बच्चियां अभिनेत्री नहीं विरांगना बने

मंदसौर । दशपुर जागृति संगठन द्वारा मंगलवार को महारानी लक्ष्मीबाई का बलिदान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम की मुख्य वक्ता ब्रह्माकुमारी हेमलता ने कहा कि देश में बढ़ते बच्चियों के साथ अत्याचार हमें देश में बढ़ती अश्लील चिन्तन देने वाली सामग्री एवं बहनों के अश्लील विज्ञापन एवं देश के कर्णधारों द्वारा इस प्रकार कृत्य करने वालों के खिलाफ कठोर कदम नहीं उठाने के कारण यह बलात्कारियों का साहस बढ़ा रहा है। हम देश की बच्चियों को अभिनेत्री नहीं महारानी लक्ष्मीबाई जैसी विरांगना बनाने के लिए प्रेरित करे। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के पूर्व अध्यक्ष मदनलाल राठौर ने कहा कि समय आ चुका है बच्चियों के दुष्कृतियों को चौराहे पर फांसी देने का समय है। शिक्षाविद् रमेशचन्द्र चन्द्रे ने कहा कि 1857 की क्रांति में लक्ष्मीबाई की अहम भूमिका रही है। हमें इसे याद रखना चाहिए। पूरे देश में लक्ष्मीबाई के स्टेच्यु लगाना चाहिए। ये बहनों की प्रेरणा स्त्रोत है। प्रतिमा संरक्षक डॉ रविन्द्र पाण्डे ने कहा कि संगठन द्वारा बच्चियों के दुष्कृतियों के खिलाफ जो पत्र प्रधानमंत्री एवं राष्ट्रपति को भेजे जा रहे है। स्कूल के पाठ्यक्रम में लक्ष्मीबाई की जानकारी एवं शौर्य की कथाएं अवश्य पढ़ाई जानी चाहिए। भाजपा नगर मण्डल अध्यक्ष नरेश चंदवानी ने कहा कि देश की धर्म, जाति एवं राजनीति से उपर उठकर प्रत्येक नागरिक सबसे पहले देश भक्त बनना चाहिए। यही हमें सबसे बड़ा भारतीयता का बोध कराना है। इस अवसर पर बीएस् सिसौदिया, कन्हैयालाल सोनगरा, राजाराम तंवर, अरूण शर्मा, अजीजउल्ला खां, बंशीलाल टांक, अरूण गौड़, सत्यनारायण सोमानी, पुष्पेन्द्र बैरागी आदि उपस्थित थे। सत्येन्द्रसिंह सोम ने कार्यक्रम का संचालन किया। यह जानकारी संगठन के सचिव आशीष बंसल ने दी।