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10 साल के न्यूनतम स्तर पर फिसले Jet Airways के शेयर्स, कोई खरीदार नहीं मिलने की खबर के बाद आई गिरावट

गुरुवार को कारोबार के दौरान Jet Airways के शेयरों का भाव 122 रुपए प्रति शेयर के स्तर पर फिसला। कंपनी के शेयरों का प्रदर्शन बीते 10 सालों के न्यूनतम स्तर पर फिसला। जेट एयरवेज की बिडिंग प्रक्रिया में अब कोई भी बिडर नहीं दिखा रहा रुचि।

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Jet Airways

10 साल के न्यूनतम स्तर पर फिसले जेट एयरवेज के शेयर्स, कोई खरीदार नहीं मिलने की खबर के बाद आई गिरावट

नई दिल्ली। अस्थायी रूप से बंद हो चुकी प्राइवेट सेक्टर की विमान कंपनी जेट एयरवेज ( Jet Airways ) के शेयर्स बीते 10 सालों के न्यूनतम स्तर फिसल चुका है। जेट एयरवेज के शेयरों में यह गिरावट एक मीडिया रिपोर्ट्स के बाद आई, जिसमें कहा गया है कि कोई भी बिडर्स अब बिडिंग की प्रक्रिया में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। गुरुवार को सुबह कारोबार के दौरान जेट एयरवेज के शेयर्स में 20 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली, जिसके बाद कंपनी के शेयर्स का भाव 122 रुपए प्रति शेयर के स्तर पर पहुंच गया। इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, जेट एयरवेज के बिडर्स इस प्रक्रिया में केाई रुचि नहीं दिखा रहे हैं। इसके बाद एक बार फिर अब प्राइवेट सेक्टर की इस विमान कंपनी के रिवाइवल प्लान को धक्का लगा है।

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रिवाइवल के लिए देश के सबसे बड़े बिजनेस घरानों से संपर्क कर रहा है जेट एयरवेज प्रबंधन

गौरतलब है कि जेट एयरवेज के लिए अंतिम बिड जमा करने में अब मात्र 10 दिन ही बचे हैं। चार में से तीन बिडर्स जिनका नाम एतिहाद एयरवेज, TPG Capital और इंडिगो पार्टनर्स ने अभी तक नॉन-डिसक्लोजर अग्रीमेंट पर हस्ताक्षर नहीं किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जेट एयरवेज का प्रबंधन देश के सबसे बड़े बिजनेस घरानों से भी संपर्क करने में जुटा हुआ है। गुरुवार को कारोबार में करीब 15 लाख शेयरों की अदला-बदली देखने को मिली। बीते 30 दिनों में यह औसतन 1.98 करोड़ था।

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कंपनी के कर्मयारियों के मेडिक्लेम के प्रीमियम भरने से मना किया

बताते चलें कि नकदी की भारी कमी की वजह से कंपनी 1 मई से अपने कर्मचारियों का मेडिक्लेम पॉलिसी सस्पेंड कर दी है। 30 अप्रैल 2019 को ये पॉलिसी लैप्स हो चुका है। जेट एयरवेज के चीफ पीपुल ऑफिसर राहुल तनेजा ने कहा है कि कंपनी ने अब कर्मचारियों के ग्रुप मेडिक्लेम पॉलिसी की प्रीमियम नहीं भर पाएगी, क्योंकि कंपनी के पास न तो कोई रिसोर्स बचा है और न ही उधारकर्ताओं से उसे पूंजी मिल रही है। तनेजा ने आगे कहा कि हम ऐसा नहीं करना चाहते थे, लेकिन परिस्थित को देखते हुए हमें ऐसा फैसला लेना पड़ रहा है।

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