
Share Market Expectations from Budget
नई दिल्ली। बजट 2020 में ऐलानों की संभावनाओं ( Budget expectations ) का बाजार गर्म है। इस गर्म बाजार में 'बाजार' की बात ना हो, ऐसा तो बिल्कुल नहीं हो सकता है। यहां 'बाजार' से मतलब शेयर बाजार से है। बजट का शेयर बाजार ( Budget Impact on Stock Market ) पर सीधे तौर पर असर पड़ता है। साथ ही बजट में शेयर बाजार को लेकर की कई पॉलिसियों का ऐलान होता है। इस बार भी शेयर बाजार के बुलिश को और बेहतर बनाने के लिए कई ऐलानों की संभावनओं पर बात की जा रही है। ताकि बाजार 41 हजार अंकों से 43 हजार से ज्यादा अंकों को पार कर जाए। इससे सरकार को परोक्ष रूप से भी फायदे होंगे। खासकर विनिवेश में। आइए आपको भी बताजे हैं कि आखिर सरकार बजट में शेयर बाजार को लेकर किस तरह का ऐलान कर सकती हैं।
सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स ( STT ) पर मिल सकती है राहत
बजट 2020 ( budget 2020 ) में सरकार सिक्योरिटी ट्रांजेक्शन टैक्स यानी STT पर राहत देने का ऐलान कर सकती है। जानकारी के अनुसार Securities Transaction Tax की दरों को कम किया जा सकता है। वहीं इसके अलावा सरकार दूसरे विकल्प की ओर भी जा सकती है। दूसरा ऑप्शन ये है कि कारोबारियों द्वारा दी जाने वाली एसटीटी को इनकम टैक्स की धारा 88 ई के तहत एडवांस टैक्स में जोड़ दिया जाए। इसके लिए शर्त यह होगी कि कारोबारियों को इसे बिजनस इनकम के तौर पर दिखाना होगा। दोनों ऑप्शन में से एक पर हरी झंडी दिखाई जा सकती है।
खत्म हो सकता है डीडीटी ( Dividend Distribution Tax )
वहीं दूसरी ओर डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स यानी डीडीटी को भी खत्म कर किया जा सकता है। ताकि शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों का हौसला बढ़ाया जा सके। शेयर बाजार में ज्यादा से ज्यादा निवेश कर सकते हैं। मौजूदा समय में डिविडेंड पर 20.55 फीसदी टैक्स देने की जिम्मेदारी कंपनी की है। इसमें एजुकेशन सेस और सरचार्ज भी शामिल किया जाता है। इस बार बजट में इसे पूरी तरह से हटाया जा सकता है। इसका सारा बोझ शेयरधारकों यानी आम जनता पर डाला जाएगा। शेयरधारकों को मिलने वाले डिविडेंड को उनकी आमदनी से जोड़ सकती है। जिसमें 20 फीसदी का स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया जा सकता है। बाकी के 80 फीसदी पर शेयरधारक को इनकट टैक्स देना होगा।
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लांग टर्म कैपिटल गेंस में भी मिल सकती है राहत
सरकार इस बार भले ही Long Term Capital Gains खत्म ना करें, लेकिन इसमें राहत का ऐलान जरूर कर सकती है। जानकारों की मानें तो सरकार 3 साल से ज्यादा की अवधि पर कोई लांग टर्म कैपिटल गेंस ना लगाने का ऐलान कर सकती है। यानी कोई शेयर खरीदकर तीन साल तक अपने पास रखकर उन्हें बेचता है तो उससे होने वाले मुनाफे पर लांग टर्म कैपिटल गेंस नहीं लगेगा। आपको बता दें कि मौजूदा समय में शेयर खरीदने के बाद अगर किसी ने एक साल से पहले उसे बेचा तो उसे मुनाफे पर 15 फीसदी शॉर्ट टर्म कैपिटल गेंस देना पड़ता है और एक साल से ज्यादा समय के बाद बेचने पर हुए मुनाफे पर लांग टर्म कैपिटल गेंस देना होता है, जोकि 10 फीसदी होता है।
Updated on:
24 Jan 2020 02:03 pm
Published on:
24 Jan 2020 11:52 am
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