
नई दिल्ली। प्याज के बढ़ते दामों से सभी लोग काफी परेशान हैं। इस समय देश की राजधानी में प्याज के दाम काफी बढ़ गए हैं, जिसके कारण आम जनता को काफी परेशान होना पड़ रहा है। प्याज के उत्पादन में हो रही कमी के कारण प्याज के दामों में तेजी देखने को मिल रही है। इस समय दिल्ली एनसीआर में प्याज के खुदरा दाम 40 रुपए प्रति किलोग्राम हो गए हैं। इसके अलावा जानकारों का मानना है कि प्याज की फसल खराब होने का असर भी बाजार में देखने को मिल रहा है।
बारिश के कारण खराब फसल
महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश जैसे प्याज उत्पादक राज्यों में बारिश की वजह से प्याज की फसल काफी खराब हो सकती है, जिसके कारण प्याज के दामों में तेजी देखने को मिल रही है। फिलहाल अभी कितनी फसल खराब हुई है। इसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली है। बारिश के रुक जाने के बाद ही यह पता लगाया जा सकता है कि इस बार किसानों को कितनी फसल का नुकसान हुई है। बारिश की मार का असर इस बार देश के गरीब लोगों पर पड़ रहा है।
चरम पर पहुंचे दाम
आपको बता दें कि हर साल बारिश में सब्जियों के दाम अपनी चरम सीमा पर पहुंच जाते हैं, जिसके कारण आम जनता को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। पिछले 15 दिनों में देश की सबसे बड़ी मंडी आजादपुर मंडी में प्याज के दाम में 10 रुपए प्रति किलोग्राम की बढ़ोतरी हो चुकी है। 21 अगस्त को आजादपुर मंडी में एक ग्रेड प्याज के थोक दाम 2500-3000 रुपए प्रति क्विंटल बताए गए।
सरकार ने दी जानकारी
इसके साथ ही केंद्र सरकार ने महाराष्ट्र और कर्नाटक की बाढ़ की वजह से प्याज की आपूर्ति में अड़चन के बीच इसकी जमाखोरी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी। उपरोक्त दोनों प्रदेश इस सब्जी के प्रमुख उत्पादक हैं। सरकार की एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि यहां उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव अविनाश के श्रीवास्तव की अध्यक्षता में विभाग ने प्याज की कीमतों की समीक्षा की।
जानिए प्याज के भाव
कृषि उपज विपणन समिति (एपीएमसी) के मुताबिक नासिक मंडी में प्याज के थोक भाव 2 अगस्त, 2019 को 1315 रुपए प्रति क्विंटल थे जो 20 अगस्त, 2019 को 2222 रुपए प्रति क्विंटल हो गए। इस माह के आरंभ में कर्नाटक में जो प्याज 850 रुपए प्रति क्विंटल बिक रहे थे, उनके भाव 1950 रुपए हो चुके हैं।
विज्ञप्ति से मिली जानकारी
विज्ञप्ति के अनुसार, विभाग की ओर से समय समय पर मूल्य स्थिति की नियमित रूप से निगरानी की जाएगी। विज्ञप्ति में कहा गया है, 'सरकार जमाखोरी और मुनाफाखोरी की गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई पर भी विचार करेगी और अगर स्थिति की मांग होती है तो प्याज पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) लगाने की जरुरत का भी मूल्यांकन करेगी।'
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Updated on:
22 Aug 2019 03:37 pm
Published on:
22 Aug 2019 03:36 pm
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