आखिर क्यों नहीं किया कोई बदलाव
आरबीआई एमपीसी के अनुसार ये निर्णय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के लिए मध्यम अवधि के लक्ष्य को प्राप्त करने के उद्देश्य से हैं, जोकि विकास का समर्थन करता है। दिसंबर में पिछली नीति समीक्षा में भी दरों को अपरिवर्तित रखा गया था। आरबीआई एमपीसी ने रेपो दर को 5.15 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा और कहा कि जब तक महंगाई दर बनी रहेगी तब तक इसमें स्थिरता का रुख बनाए रखा जा सकता है। रिवर्स रेपो दर को 4.90 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा गया है।
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पांच बार हो चुकी है कटौती
अक्टूबर 2019 त आरबीआई ?ई एमपीसी कुल 135 आधार अंकों की दर से पांच बार कटौती कर चुका है। एमपीसी ने रेपो रेट को स्थिर बनाए रखने के पक्ष में 6-0 से मतदान किया। कमेटी ने पिछली बैठक में रेपो रेट में कटौती के कारण महंगाई पर लगाम लगाई थी। दिसंबर 2019 में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 7.35 फीसदी हो गई क्योंकि खाद्य मूल्य आरबीआई के लक्ष्य से अधिक हो गए थे। अर्थशास्त्रियों के एक रॉयटर्स पोल ने आरबीआई एमपीसी से अक्टूबर 2020 तक रेपो दर 5.15 फीसदी रखने की उम्मीद की थी।