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‘मोदी जी वादे नहीं, फसल का दाम चाहिए’

किसान को कभी प्रकृति की मार तो कभी बाजार की मार झेलनी पड़ती है, किसान सरकार से उम्मीदेंं लगा रहा है।

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मथुरा

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Amit Sharma

Jun 04, 2018

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'मोदी जी वादे नहीं, फसल का दाम चाहिए'

मथुरा। मोदी और योगी सरकार भले ही किसानों के हित की बात करती हो लेकिन धरातल पर सच्चाई कुछ और ही है। मथुरा के किसानों से जब हमने उनकी समस्याओं को लेकर बात की तो काफी कुछ सुनने को मिला। मथुरा के किसानों का कहना है कि परेशानियां बहुत हैं परेशानियों को दूर करने वाला कोई नहीं है सरकार वादे करती है लेकिन उन्हें पूरा करने के लिए कोई आगे नहीं आता।

ये है परेशानी

पत्रिका की टीम मथुरा के किसानों की समस्यों की पड़ताल करने के लिए निकल पड़ी और मथुरा के अलग अलग गांव में जाकर टीम ने किसानों से बात की तो एक जैसी प्रतिक्रिया सुनने को मिली। किसानों का कहना है कि जो समस्याएं हैं वह जस के तस बनी हुई हैं और किसानों की समस्याओं के बारे में कोई सरकार नहीं सुनती सभी को अपनी-अपनी पड़ी रहती है। किसान जो अन्न उगाता है वह पूरे देश को खिलाता है लेकिन किसान की सोचने वाला कोई नहीं है। कभी प्रकृति की मार तो कभी सरकार की मार किसान को झेलनी ही पड़ती है।

गुड्डू नाम के किसान से जब हम लोगों ने बात की तो गुड्डू ने बताया कि समस्या यह है कि हमें मंडी में भाव नहीं मिलता। लागत भी नहीं निकल पाती। सरकारी रेट पर बीज भी नहीं मिल पाता, मजबूरन हमें सरकारी दुकान की जगह प्राइवेट दुकान से खाद और बीज खरीदना पड़ता है। प्राइवेट दुकानदार उस खाद बीज को महंगे मूल्यों में बेचकर मुनाफा कमाते हैं। पानी की सबसे बड़ी समस्या है।

फसल का उचित दाम मिले

सुशीला नाम की महिला किसान ने बताया कि सरकार सुविधा कम बातें ज्यादा करती है। डीजल महंगा हो गया, खाने पीने की चीजें महंगी हो गईं लेकिन महंगा नहीं हुआ तो वह है किसान की फसल का दाम, आज भी किसान अपनी फसल को सस्ते दामों में बेचता है। किसान के हित की बात तो सब करते हैं लेकिन किसान की सोचता कोई नहीं है।