
कथावाचक इंद्रेश महाराज फोटो सोर्स @bhaktipath insta
वृंदावन के कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय अपने एक बयान को लेकर विवादों में आ गए थे। ‘यादवों के नाश’ संबंधी टिप्पणी पर यादव समाज में नाराजगी फैलने के बाद उन्होंने एक वीडियो जारी कर सफाई दी। और सार्वजनिक रूप से क्षमा याचना की।
वृंदावन के प्रसिद्ध कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय ने यादव समाज से माफी मांगते हुए कहा है कि उनका किसी भी समुदाय की भावनाओं को आहत करने का कोई उद्देश्य नहीं था। बुधवार को जारी वीडियो संदेश में उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके कथन को गलत संदर्भ में लिया गया। जबकि वे केवल कथा के प्रसंग में बात रख रहे थे।
इंद्रेश उपाध्याय ने कहा कि यदि उनकी किसी बात से यादव समाज या किसी भी भक्त को ठेस पहुंची है। तो वह उसके लिए क्षमाप्रार्थी हैं। उन्होंने दोहराया कि उनका उद्देश्य कभी भी किसी की गरिमा को ठेस पहुंचाना नहीं रहा। उन्होंने कहा, “हम सब एक हैं। पूरा भारत हमारा है। यादव समाज मेरे अपने हैं। और मेरे अनेक यादव मित्र भी हैं।”
कथावाचक ने यह भी बताया कि यह विषय कई वर्ष पहले की एक कथा के दौरान उठा था। जब किसी श्रोता के भाव को उन्होंने शब्दों में रख दिया था। बाद में जब उन्हें समझाया गया। तो उन्होंने आगामी कथाओं में इस विषय को स्पष्ट किया। लेकिन वह बात सभी तक नहीं पहुंच सकी। उन्होंने कहा कि उकसावे की स्थिति में कही गई बात को लेकर वह पहले भी खेद जता चुके हैं।
इंद्रेश उपाध्याय ने यादव और यदुवंश को लेकर अपनी व्याख्या भी रखी। कहा कि उनके शब्दों को समाज के खिलाफ न समझा जाए। उन्होंने भावुक अपील करते हुए कहा कि भगवान श्रीकृष्ण, यादव समाज और समस्त भक्त उनके लिए समान रूप से पूजनीय हैं। इस विवाद के बाद मथुरा में यादव समाज की ओर से नाराजगी जताई गई थी। समाज के जिलाध्यक्ष संजय यादव ने प्रेस वार्ता कर कथावाचक से सार्वजनिक रूप से माफी की मांग की थी।
उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि ऐसा नहीं किया गया। तो समाज लोकतांत्रिक और कानूनी तरीके से आंदोलन करेगा। साथ ही, कथन के समर्थन में शास्त्रीय प्रमाण प्रस्तुत करने की चुनौती भी दी गई थी।
यादव समाज ने सभी धर्माचार्यों और कथावाचकों से अपील की कि वे मंच से बोलते समय शास्त्र, इतिहास और सामाजिक सौहार्द का विशेष ध्यान रखें। वहीं, कथावाचक अनिरुद्धाचार्य ने अपनी कथा में यह कहा था कि वर्तमान यादव समाज भगवान श्रीकृष्ण के वंश से जुड़ा हुआ है।
इंद्रेश उपाध्याय की माफी के बाद अब सभी की नजरें इस पर हैं कि क्या इससे विवाद शांत होगा और सामाजिक समरसता बहाल हो पाएगी।
Updated on:
25 Dec 2025 03:29 pm
Published on:
25 Dec 2025 01:42 pm
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