कई देशों से आते हैं विदेशी चाहे मंदिरों में ठाकुरजी के श्री विग्रहों के साथ होली खेलने की बात हो या बरसाना, नंदगांव की लठामार होली या फिर दाऊजी का कोड़े मार हुरंगा, विदेशी पर्यटक बिना रंग और गुलाल से परहेज किए इस माहौल में घुल मिल जाते हैं। इन आयोजनों में शामिल होकर भगवान राधा-कृष्ण की आस्था के रंग में सराबोर होकर जमकर होली खेलते हैं। होली की मस्ती और रंगों का खुमार विदेशी भक्तों और पर्यटकों के सिर चढ़कर बोल रहा है। दरअसल फागुन के महीने में होली पर्व के अवसर पर यहां बड़ी संख्या में विदेशी भक्त दर्शन और होली के रंग में रंगने को आते हैं। यहां आने वाले ये विदेशी भक्त यूएस, आस्ट्रेलिया, फ्रांस, रुस के साथ ही कई देशों से कान्हा के प्रेम के वशीभूत होकर खिंचे चले आते हैं। यहां के प्रमुख सप्तदेवालयों के दर्शन करते हुए एवं होली के विभिन्न आयोजनों का हिस्सा भी बनते हैं।
प्रेम की अनुभूति ब्रज की होली को लेकर विदेशी महिला क्रिस्टीना ने बताया कि ब्रज की होली कृष्ण ? के प्रेम का प्रतीक है और इस होली में रंग कृष्ण के प्रेम का प्रतिनिधित्व करते हैं। यहां होली के रंग में सराबोर जर्मनी से आई स्लैविया और मैलनी ने बताया कि यहां आकर होली खेलने पर प्रेम की अनुभूति होती है। यहां आकर अतीव आनंद की अनुभूति हुई है।