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भगवान द्वारिकाधीश का धूमधाम से निकला डोला, अबीर गुलाल और रंग से लाल हुआ बदरा

होलिका दहन से पूर्व मथुरा शहर में द्वारकाधीश की शोभायात्रा निकालने की परम्परा रही है।

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मथुरा

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Neeraj Patel

Mar 10, 2020

भगवान द्वारिकाधीश का धूमधाम से निकला डोला, अबीर गुलाल और रंग से लाल हुआ बदरा

भगवान द्वारिकाधीश का धूमधाम से निकला डोला, अबीर गुलाल और रंग से लाल हुआ बदरा

मथुरा. होलिका दहन से पूर्व मथुरा शहर में द्वारकाधीश की शोभायात्रा निकालने की परम्परा रही है। खास होली के मौके पर निकाले जाने वाली इस शोभायात्रा को द्वारिकाधीश का होली डोला कहा जाता है। हजारों की संख्या में चतुर्वेदी समाज के लोग अबीर गुलाल उड़ाते हुए चलते हैं।

भगवान श्रीकृष्ण की नगरी मथुरा में होली पर्व की धूम मची हुई है। होली पर्व के अवसर पर मथुरा में द्वारिकाधीश होली डोला निकाला गया। माथुर चतुर्वेद परिषद के तत्वाधान में निकाले गए होली डोला में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया। पूरे महानगर में अबीर गुलाल टेसू के रंगों की वर्षा करते हुए पूरा वातावरण होली की मस्ती में सराबोर हो गया। होली पर्व का बृज में अपना अलग विशेष महत्व है।

होली के अवसर पर प्राचीन परंपरा के अनुसार होली डोला निकाला जाता है। होली डोले में दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालु बड़ी संख्या में भाग लेते हैं । होली डोले में होली रसिया गायन के साथ साथ होली गीतों से श्रद्धालु थिरकते करते नजर आए। होली डोले में देशी-विदेशी पर्यटकों ने भी भाग लिया। कोरोना वायरस का असर होली के डोले में नजर नहीं आया। अखिल भारतीय महासभा तीर्थ प्रोहित महासभा के अध्यक्ष एव माथुर चतुर्वेद परिषद के संरक्षक महेश पाठक का कहना है कि प्राचीन परंपरा के अनुसार होली डोला निकाला गया पूरा बृज मंडल होली के रंग में सराबोर हो गया।

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ढोल महोत्सव के साथ संपन्न होंगे ठाकुर मंदिर द्वारकाधीश जी महाराज के सभी कार्यक्रम मंदिर के विधि एवं मीडिया प्रभारी राकेश तिवारी एडवोकेट ने बताया कि पुष्टिमार्गीय संप्रदाय के मंदिर ठाकुर द्वारकाधीश जी महाराज के सभी कार्यक्रमों का निर्धारण मंदिर के गोस्वामी श्री 108 बृजेश कुमार महाराज द्वारा किया जाता है और उनका संचालन मंदिर के गोस्वामी काकरोली युवराज डॉ वागीश कुमार जी महाराज के द्वारा किया जाता है।

आज का कार्यक्म

इसी क्रम में कल दिनांक 10 मार्च को ढोल महोत्सव का कार्यक्रम शुरू हुआ। प्रातः सभी दर्शन समयनुसार खुलेंगे और 10:00 से 11:00 तक राजभोग के दर्शन में रसिया गायन होगा और फाल्गुनी उत्तरा नक्षत्र दोपहर 1:30 बजे से 2:30 बजे तक मंदिर मैं होली ढोल का कार्यक्रम होगा और इसी के साथ संपन्न होंगे होली के सभी कार्यक्रम। शयन के दर्शन सायंकाल 4:30 बजे से 5 बजे तक हो जाएंगे।