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यात्रियों की सुविधा के लिए मथुरा से वृंदावन तक शुरू होगा नई ट्रेनों का संचालन

मथुरा-वृंदावन में प्रतिदिन श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देख इंडियन रेलवे ने 5 कोच की नई ट्रेन चलाने की फैसला लिया है।

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मथुरा

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Jyoti Singh

Aug 24, 2022

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उत्तर प्रदेश के मथुरा-वृंदावन में प्रतिदिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यह स्थान भगवान श्रीकृष्ण का जन्मस्थल माना जाता है। इस कारण देश भर से लोग यहां भगवान श्रीकृष्ण के प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन को आते हैं। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या को देख इंडियन रेलवे ने 5 कोच की नई ट्रेन चलाने की फैसला लिया है। मथुरा वृंदावन के बीच पहले मीटर गेज रेल ट्रैक था, इसे बदल कर अब ब्रॉड गेज किया जाएगा। इस योजना की लागत 450 करोड़ है। इसमें 7 स्टेशन होंगे। जल्द ही डीपीआर के लिए टेंडर तैयार होगा। इसका काम मार्च 2023 में शुरू होकर मार्च 2024 तक खत्म हो जाएगा। जिसके बाद इस ट्रैक पर वंदे भारत ट्रेन के जैसे कोच वाली ट्रेन दौड़ेंगी।

रेलवे गेज क्या है

रेलवे ट्रैक का गेज दो पटरियों के भीतरी किनारों के बीच एक न्यूनतम सीधी दूरी को रेलवे गेज कहा जाता है। यानी रेल मार्ग पर दो पटरियों के बीच की दूरी को रेलवे गेज कहा जाता है। दुनिया का लगभग 60 प्रतिशत रेलवे, स्टैंड्रड गेज का उपयोग करता है। रेलवे गेज 4 तरह के होते है। ब्रॉड गेज, स्टेंड्रड गेज, मीटर गेज और नैरो गेज।

मीटर गेज से बेहतर है ब्रोड गेज

ब्रॉड गेज की चौड़ाई 1676 मिमी से 1524 मिमी या 5'6" से 5'0" होती है। और मीटर गेज की चौड़ाई 1067 मिमी, 1000 मिमी और 915 मिमी या 3'-6", 3'-33/8" और 3'-0" होती है। दरअसल लागत को कम करने के लिए मीटर गेज बनाया गया था। परियोजना यूनीगेज के तहत, नीलगिरि माउंटेन रेलवे को छोड़कर सभी मीटर गेज लाइनें को ब्रॉड गेज में बदल दिया जाएगा। ब्रॉड गेज बेहतर स्थिरता देता है और तेज गति प्राप्त करने के लिए भी यह बाकी विकल्पों से बेहतर है। 7 स्टेशन पर रुकने के बावजूद यह कम समय में यात्रियों को पहुंचा देगी।

ट्रेन का नाम अभी तय नहीं

जनसंपर्क अधिकारी प्रशस्ति श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि ट्रेनों की संख्या अभी तय नहीं की गई है लेकिन यह तय है की हर 35 मिनट में ट्रेन आएगी। ट्रेन के कोच वंदे भारत ट्रेन की तरह होंगे। ट्रेन का नाम अभी तक तय नहीं हुआ है। इस रूट के स्टेशनों को विकसित भी किया जाएगा। यात्रियों की सुविधा के लिए वेटिंग हॉल भी बनेगा।

ये है योजना की खास बातें

- मथुरा जंक्शन से वृंदावन ट्रैक की दूरी 12.2 किमी होगी।
- हर ट्रेन में पांच कोच होंगे।
- हर 35 मिनट में मिलेगी ट्रेन।
- 7 रेलवे स्टेशन बनेंगे।
- ट्रेन की स्पीड 100 किमी प्रति घंटा होगी।
- 450 करोड़ रुपए है लागत ।

ये है 7 स्टेशन

- मथुरा जंक्शन
- शिवताल कुंड
- श्रीकृष्ण जन्मस्थान
- मसानी
- चैतन्य विहार
- एलसी 11 (अभी इसका नाम तय नहीं)
- वृंदावन