
मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह के मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने सर्वे करने की मंजूरी दी है और हिंदू पक्ष की याचिका को स्वीकृत किया है। ईदगाह कमेटी और वक्फ बोर्ड की दलीलें को कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि हाईकोर्ट ने 18 वादों की फाइलें सुनवाई के लिए ले रखा है। उन्होंने आरोप लगाया था कि ईदगाह पक्ष जन्मभूमि की स्थापत्य कला के साथ खिलवाड़ कर सबूतों को नष्ट कर रहा है। इससे पहले ही साक्ष्य नष्ट कर दिए जाएं, हाईकोर्ट से मांग की जाएगी कि ज्ञानवापी की तर्ज पर जन्मभूमि का भी सर्वे कराने का आदेश देने की कोर्ट से अपील की जाएगी।
कितना पुराना है श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद?
12 अक्टूबर 1968 को, श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के साथ एक समझौता किया था। इस समझौते के अनुसार, 13.37 एकड़ जमीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों को स्थायी रूप से बनाए रखने की बात की गई थी।
विवाद का केंद्र इसी 13.37 एकड़ जमीन पर है, जिसमें से 10.9 एकड़ जमीन श्रीकृष्ण जन्मस्थान के लिए है और 2.5 एकड़ जमीन शाही ईदगाह मस्जिद के पास है। इस समझौते में, मुस्लिम पक्ष ने मंदिर के लिए अपने कब्जे की कुछ जगह छोड़ी और हिन्दू पक्ष को बदले में कुछ जगह दी गई थी। अब हिन्दू पक्ष पूरी 13.37 एकड़ जमीन पर कब्जे की मांग कर रहा है।
Updated on:
14 Dec 2023 02:45 pm
Published on:
14 Dec 2023 02:44 pm
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