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CAA को लेकर मनिंदरजीत सिंह बिट्टा का बड़ा बयान, बोले भारत को धर्मशाला नहीं बनने देंगे

भारतीय आतंकवाद विरोधी मोर्चा के अध्यक्ष मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने कान्हा माखन विद्यालय में छात्र-छात्राओं को सम्बोधित किया।

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मथुरा। जिसने भारत की धरती पर जन्म लिया है, चाहे वो हिन्दू हो, मुस्लिम हो, सिख हो या ईसाई हो यह देश उसी की है। यहां बाहर से आकर कोई इसे धर्मशाला नहीं बना सकता और नाहीं भारत को धर्मशाला बनने देंगे। संशोधित नागरिकता कानून को सही बताते हुए अखिल भारतीय आतंकवाद विरोधी मोर्चा के अध्यक्ष मनिंदरजीत सिंह बिट्टा ने कान्हा माखन विद्यालय में छात्र-छात्राओं को सम्बोधित किया।

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अयोध्या के बाद मथुरा की बारी
अयोध्या में राम मंदिर बनने और जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने पर समझदार व्यक्ति सदियों-सदियों तक इसे याद रखेगा। इसके साथ ही बिट्टा ने कहा कि अगला इतिहास वह बनेगा जब मथुरा में भगवान की धरती को भी आजाद कराना है। बाबर और औरंगजेब को काफिर बताने के साथ ही कहा कि ये ये मुसलमान भाईयों से हमारा कोई झगड़ा नहीं है। उन्होंने बातों-बातों में ही ओवेसी पर भी निशाना साधा और कहा कि आज कुछ लोग कहते हैं, कि हैदराबाद में हम वंदे मातरम नहीं बोलेंगे, उसका हम पर कोई असर नहीं पड़ता।

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हिन्दुस्तान धर्मशाला नहीं
मीडया से बातचीत के दौरान श्रीबिट्टा ने कहा कि राष्ट्र भक्ति के कार्यक्रमों में बच्चों को नया फ्यूचर नया रास्ता देने की बात हुई बहुत अच्छा लगा। संशोधन नागरिकता कानून को लेकर देशभर में चल रहे विरोध को लेकर पूछे सवाल पर उन्होंने कहा कि किसी भी चाहे वो मुस्लिम, सिंख, हिन्दू या ईसाई के खिलाफ नहीं है, यहां एक कानून, एक संविधान, एक जन-मन-गण और एक तिरंगा झंडा होगा और वो हो गया। उन्होंने विरोध कर रहे लोगों के लिए कहा कि यह बात समझने की है कि 5 साल पहले के जो हैं वो रहेगें और आगे कोई ऐसा होता है तो हिन्दुस्तान धर्मशाला नहीं है, ये आजाद हिन्दुस्तान है।

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बाबर और औरंगजेब को बताया काफिर
अयोध्या में राम मंदिर फैसले का स्वागत करने पर उन्होंने कहा कि इसमें तो हमारे इमाम, मुस्लिम समाज के बड़े लीडर, मुस्लिम समाज के अच्छे लोगों को आगे आकर कहना चाहिए कि ये आपकी अमानत है हम आपको सौंपते हैं ये सेकुलेरिज्म का सबूत होगा। साथ ही बोले कि यदि यहां किसी पीर-पैगम्बर की दरगाह होती तो हम उनके साथ खड़े होते। उन्होंने बाबर और औरंगजेब को काफिर कहते हुए कहा कि वो मुसलमान नहीं थे मुसलमान ऐसा नहीं होता।