नहीं मिलती ऑनलाइन स्टेट्स रिपोर्ट पुलिसकर्मियों में कम्प्यूटर दक्षता के अभाव में परिवादियों को एफआईआर के ऑनलाइन स्टेट्स की जानकारी नहीं मिल पा रही। वेबसाइट पर एफआईआर लम्बित बताकर काम चलाया जा रहा है। लम्बित किस स्तर पर है, इसका खुलासा नहीं होता है।
फोन तक नहीं जिले के कई थाने ऐसे भी हैं, जहां पुलिस सहायता के लिए फोन तक नहीं है। पिलोदा थाना इसका ज्वलंत उदाहरण है, जहां गत चार महीनों से टेलीफोन खामोश है। ऐसे में लोगों को त्वरित सहायता नहीं मिल रही है।
बुढ़ापे में कम्प्यूटर पर नहीं सधती अंगुलियां एफआईआर दर्ज होने पर सहायक उपनिरीक्षक या उससे ऊपर के अधिकारी ही इसकी जांच करते हैं। एएसआई स्तर के पचास फीसदी अधिकारी पचास साल से अधिक उम्र के हैं। ऐसे में उनमें कम्प्यूटर और अन्य कोई नई तकनीक सीखने की ललक नहीं है।
लाखों के कम्प्यूटर धूल में प्रदेशस्तर पर पुलिस विभाग को ऑनलाइन करने की शुरुआत हुई। इसके लिए बजट जुटाया गया, लेकिन सवाईमाधोपुर जिला मुख्यालय स्थित पुलिस नियंत्रण कक्ष तक को ऑनलाइन नहीं किया जा सका है। इधर, गंगापुरसिटी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक व उपाधीक्षक कार्यालय में एेसी कोईव्यवस्था की शुरुआत तक नहीं की गई है।
यह मामला अब तक अटका सीसीटीएनएस (क्राइम एण्ड क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क सिस्टम) के तहत वर्ष-2012 में देशभर के पुलिस थानों को आपस में जोडऩे का कार्यक्रम था, ताकि किसी भी प्रदेश का आपराधिक रिकॉर्ड एक क्लिक में खुल जाए, लेकिन यह योजना अब तक मूर्त रूप नहीं ले पाई।
ऑनलाइन एफआईआर दर्ज की जाती है। इसको अपडेट करने की कोशिश की जाती है। दशरथ सिंह, अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक, सवाईमाधोपुर