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मथुरा जन्मस्थान मामले में पक्षकार बनाने को अदालत में जमा हुए दो अलग—अलग प्रार्थना पत्र

— माथुर चतुर्वेद परिषद व अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा ने अदालत में अलग-अलग प्रार्थना पत्र दाखिल कर इस मामले में पक्षकार बनने की अपील की है।

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मथुरा

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arun rawat

Nov 12, 2020

Mathura

Mathura

मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले को लेकर जिला जज की अदालत में दायर किए गए वाद में बुधवार को उस समय नया मोड़ आ गया। जब माथुर चतुर्वेद परिषद व अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा ने अदालत में अलग-अलग प्रार्थना पत्र दाखिल कर इस मामले में पक्षकार बनने की अपील की।

13.37 एकड़ भूमि का है मामला
भगवान श्रीकृष्ण विराजमान की 13.37 एकड़ भूमि को लेकर हर दिन कुछ ना कुछ नया सामने आ रहा है। शाही मस्जिद से श्री कृष्ण विराजमान की 13.37 एकड़ भूमि के स्वामित्व को छोड़ने की अपील की गई है। माथुर चतुर्वेद परिषद के महामंत्री राकेश तिवारी और अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक की ओर से बुधवार को जिला जज साधना रानी ठाकुर की अदालत में अलग-अलग प्रार्थना पत्र दिया गया। इसमें कहा गया है कि भगवान श्रीकृष्ण का हमसे बड़ा भक्त कोई नहीं हो सकता है। हम ऐसे समाज से जुड़े हैं, जिसका जीवन पंडा व पुरोहितगिरी पर आधारित है। यदि पूर्व में दायर हुए वाद से कोई विवाद होता है, इस विवाद के चलते श्रद्धालु यहां आना छोड़ देंगे, इसका सीधा असर हमारे जीवन में पड़ेगा।

1991 में लागू हुए वर्शिप एक्ट का दिया हवाला
दाखिल किए गए प्रार्थना पत्र में 1991 में लागू हुए वर्शिप एक्ट का भी हवाला दिया गया है। कहा है कि ये एक्ट 15 अगस्त 1947 से लागू माना गया है। जबकि शाही मस्जिद ईदगाह पिछले तीन सौ साल से कायम चली आ रही है। ऐसे में ये वाद प्लेस आफ वर्शिप एक्ट से बाधित है और दायर ही नहीं किया जा सकता है। ये वाद इन्हीं आधारों पर भी इसी स्तर पर निरस्त होने योग्य है। दोनों संस्थाओं की ओर दायर प्रार्थना पत्र में कहा गया है कि इस मामले में हमें पक्षकार बनाया जाए और हमारा भी पक्ष सुना जाए।