26 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

IAF विमान हादसे में लापता पायलट के परिजनों ने सरकार पर उठाए गंभीर सवाल

विमान में 7 अधिकारियों सहित कुल 13 लोग सवार थे । इन्ही में से एक हैं पायलट आशीष तंवर।

2 min read
Google source verification

मथुरा

image

Amit Sharma

Jun 06, 2019

IAF plane crash

IAF विमान हादसे में लापता पायलट के परिजनों ने सरकार पर उठाए गंभीर सवाल

मथुरा। चीन सीमा के पास लापता हुए वायुसेना के विमान एएन 32 का गुरुवार को चौथे दिन भी कोई पता नहीं लगा। विमान में 7 अधिकारियों सहित कुल 13 लोग सवार थे । इन्ही में से एक हैं पायलट आशीष तंवर। आशीष तंवर तो पलवल के रहने वाले हैं लेकिन उनका रिश्ता मथुरा से है। आशीष तंवर की पत्नी फ्लाइट लेफ्टिनेंट संध्या मथुरा के श्रीजी गार्डन-2 की रहने वाली हैं। विमान लापता होने के बाद से आशीष की ससुराल में सभी चिंतित हैं।

चार दिन बाद भी विमान का पता नहीं
चार दिन पूर्व भारतीय वायु सेना के लापता हुए विमान का गुरुवार को भी पता नहीं लग पाया है लेकिन वायु सेना लगातार सर्च ऑपरेशन कर विमान को खोजने में लगी हुई है। अभी तक कोई सफलता नहीं मिल पाई है। इसी विमान के साथ लापता हुए पलवल निवाली पायलट आशीष तंवर भी मौजूद थे। आशीष तंवर की ससुराल श्रीजी गार्डन-2 में उनके ससुरालीजन औऱ आसपास के लोग चिंता में है। आशीष की पत्नी संध्या भी फ्लाइट लेफ्टिनेंट हैं। उनकी भी पोस्टिंग असम में है।

पत्रिका की टीम ने जब आशीष के ससुरालीजनों से बात की तो उनका परिवार बात करते हुए भावुक हो उठा। संध्या के छोटे भाई सुशील सोलंकी ने कहा कि बहन और जीजा दोनों की पोस्टिंग असम ही है। विमान असम के जोरहाट से अरुणाचल प्रदेश के मेनचुका के लिए उड़ा था और बीच में ही वह गायब हो गया अभी तक उस विमान का पता नहीं है और चार दिन हो चुके हैं।

चुनाव जीतने के लिए अभिनंदन का सहारा
संध्या के भाई सुशील ने सरकार के प्रति आक्रोश जताते हुए कहा कि जब चुनाव नहीं हुए उससे पहले पायलट अभिनंदन का सहारा इन लोगों ने चुनाव जीतने के लिए लिया और उसे कुछ ही घंटों में हीरो बना दिया। जो लोग वायुसेना के विमान में सवार थे और पिछले 4 दिन से उनका अता पता नहीं है उसके लिए सरकार कुछ भी नहीं कर रही।

40 साल पुराने विमान को उड़वाया गया
संध्या के चाचा देव कुमार और भाई सुनील का यह भी कहना है कि जिस विमान की आयु केवल 25 वर्ष थी उस विमान को 40 साल बाद भी उड़ाया गया। अगर यब बात सत्य है तो यह सवाल उठता है कि इतना बड़ा जोखिम क्यों उठाया गया।

2015 में हुई थी जॉइनिंग
बता दें कि फाइट लेफ्टिनेंट संध्या का परिवार मथुरा के श्रीजी गार्डन 2 में रहता है। संध्या के भाई सुनील और चाचा देव कुमार ने यह भी बताया कि संध्या पढ़ने में काफी तेज थी और 2015 में वह भर्ती हो गई। 2018 में संध्या की शादी आशीष तंवर से हुई। अप्रैल के लास्ट में वह लोग छुट्टी काटने आए थे और 15 मई को वह छुट्टी काटने के लिए थाईलैंड गए। छुट्टी काट कर ड्यूटी पर वापस तैनात हो गए।

पैसों के लिए नहीं देश सेवा के लिए हुए थे भर्ती
संध्या के परिजनों का यह भी कहना है कि दोनों अच्छे पैकेज पर एक कंपनी में थे उस कंपनी को छोड़कर यह लोग देश सेवा में चले गए। दोनों की मंशा पैसा कमाना नहीं था बल्कि देश की सेवा करना था।