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मथुरा। असम में तैनात में रहे सेना के जवान कालीचरण गश्त के दौरान शहीद हुए थे। मथुरा में उनके पैतृक गांव चौमुहां में अंतिम संस्कार किया गया था। कैबिनेट मंत्री ने शहीद स्मारक की घोषणा की थी जो पूरी नहीं हुई। अनदेखी का आरोप लगाकर शुक्रवार को परिजनों व कुछ लोगों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान एक युवक बर्फ की सिल्ली पर लेट गया और चेतावनी दी कि जब तक शहीद को न्याय नहीं मिलेगा बर्फ की सिल्लियों पर लेटा रहेगा।
कस्बा चौमुहां में शहीद कालीचरण की शहीद स्मारक की मांग के लिए प्रदर्शन करने की खबर जब प्रशासन को हुई। आनन-फानन में स्थानीय प्रशासनिक अधिकारियों ने दौड़ लगाई। नगर पंचायत द्वारा आश्वासन दिया गया कि डलावघर को हटाकर साफ-सफाई कराई जाएगी। इसके बाद युवक बर्फ की सिल्लियों से हटा।
गौरतलब है कि दिसम्बर 2018 में कालीचरण मथुरा के चौमुंहा में पंचतत्व में विलीन हुए थे। प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री ने शहीद के सम्मान में उनके पैतृक गांव पहुंचे थे और शहीद स्मारक और गांव के बाहर गेट बनवाने की घोषणा की थी। लेकिन अभी तक ये घोषणा पूरी नहीं हुई। शुक्रवार को शहीद के स्मारक और गांव के बाहर गेट लगवाने की मांग को लेकर परिजन व अन्य लोगों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्मारक स्थल के पास डालवघर बनने से लोग आहत थे। मांग थी कि जल्द से जल्द यहां स्मारक बनाया जाए। बता दें कि कालीचरण अपने दो भाइयों में सबसे छोटे थे। उनके परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे और एक बेटी है। बड़ा बेटा अरुण आठ वर्ष का का है जबकि एक बेटा और बेटी उससे छोटे हैं।
Published on:
10 Jan 2020 05:49 pm
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