Ghosi By-Election : घोसी के रण में सुधाकर सिंह सुल्तान बनकर उभरे हैं। चुनाव आयोग की वेबसाइट के अनुसार घोसी में 34 चरण में अभी तक 16 चरण की काउंटिंग हो चुकी है। इसमें सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह 22 हजार से अधिक वोटों से आगे चल रहे हैं। ऐसे में जीत का दम्भ भरने वाले ओमप्रकाश राजभर उर्फ पियरका चाचा को जनता ढूंढ रही है।
Ghosi By-Election : घोसी उपचुनाव की मतगणन तेजी से आगे बढ़ रही है। सपा ने यहां भाजपा की हवा निकाल दी है। वहीं अकेले दम पर भाजपा को चुनावी जंग जिताने का दम्भ भरने वाले ओमप्रकाश राजभर के गढ़ में भी भाजपा हाशिये पर दिखाई दी है। ऐसे में अब जनता पियरका चाचा को ढूंढ रही है। जनता के अनुसार उन्होंने मेहनत बहुत की पर भाजपा का साथ जनता को रास नहीं आया क्योंकि इसी भाजपा को कुछ महीने पहले तक वो कई उपनामों से सम्बोधित करते थे और इसी पार्टी को उन्होंने भ्रष्टाचार पार्टी भी बताया था।
16वें चरण में भी साईकिल ने दिखाई रफ्तार
घोसी उपचुनाव की मतगणना शुरू हुई तो सबसे पहले पोस्ट बैलेट की गिनती हुई। इसमें साइकिल ने रफ्तार पकड़ ली थी। यह रफ्तार पहले चरण से लेकर 16वें चरण तक जारी रही और अब नार्मल साइकिल गेयर वाली साईकिल बन चुकी है। उधर दारा सिंह चौहान मतगणना स्थल से भी नदारद है तो पियरका चाचा उर्फ़ ओमप्रकाश राजभर की पार्टी के भी चर्चित चेहरे नहीं दिखाई दे रहे हैं।
पियरका चाचा का दावा, फुस्स ?
राजभर वोटों के दम पर अपनी सेना लेकर 15 दिन तक घोसी के गांव-गांव में चौपाल लगाने वाले पियरका चाचा ओमप्रकश राजभर का बही तक कोई बयान इस परिणाम पर नहीं आया है। लोगों का कहना है कि यह सपा का जनादेश नहीं यह जनता का जनादेश है। जनता जागरूक है और वो अब जाति के कार्ड को समझ चुकी है। ओमप्रकाश राजभर अपने समाज के बड़े नेता हैं पर समाज ने उनेह कितना सीरियस लिया है यह कहना मुश्किल है क्योंकि मतों का असर दिख रहा है। ओमप्रकाश राजभर का प्रभाव मुख्यमंत्री की सभा में भी देखने को मिला था।