रसोइयों ने सरकार से न्यूनतम वेतन ₹10,000 प्रति माह किए जाने, बीमा और मुआवजा सुविधा प्रदान करने, तथा स्थायी नौकरी देने की भी मांग की। प्रदर्शन के माध्यम से रसोइयों ने सरकार से मांग की कि उनकी समस्याओं को गंभीरता से लिया जाए और उचित समाधान किया जाए।
मऊ। कलक्ट्रेट परिसर में बुधवार को अखिल भारतीय मध्यान्ह भोजन रसोइया महासंघ के बैनर तले रसोइयों ने स्कूलों के मर्जर और पेयरिंग के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। थाली और बेलन बजाकर रसोइयों ने अपनी आवाज बुलंद की और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन नगर मजिस्ट्रेट को सौंपा गया।
महासंघ के संरक्षक सुरेंद्र गौतम ने कहा कि प्रदेश में चल रही विद्यालयों की पेयरिंग और मर्जर की प्रक्रिया तत्काल प्रभाव से रोकी जाए। उन्होंने मांग की कि बंद किए गए स्कूलों को पुनः संचालित किया जाए। उन्होंने कहा कि स्कूल बंद होने की स्थिति में जहां शिक्षकों का समायोजन संभव है, वहीं रसोइयों की नौकरी पर संकट खड़ा हो गया है। इससे प्रदेश की हजारों रसोइयों की रोजी-रोटी छिनने की कगार पर है और लाखों बच्चों की शिक्षा प्रभावित होगी।
रसोइयों ने सरकार से न्यूनतम वेतन ₹10,000 प्रति माह किए जाने, बीमा और मुआवजा सुविधा प्रदान करने, तथा स्थायी नौकरी देने की भी मांग की। प्रदर्शन के माध्यम से रसोइयों ने सरकार से मांग की कि उनकी समस्याओं को गंभीरता से लिया जाए और उचित समाधान किया जाए।