डिजिटल इंडिया और पारदर्शिता अभियान के तहत एक बड़ा निर्णय लेते हुए 31 मार्च 2025 से पेपर स्टांप के चलन को समाप्त कर दिया गया है। इसी क्रम में मऊ जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में मंगलवार को 41 करोड़ 98 लाख 25 हजार रुपये मूल्य के पुराने पेपर स्टांप को आधिकारिक रूप से नष्ट कर दिया गया।
Mau News: सरकार की डिजिटल इंडिया और पारदर्शिता अभियान के तहत एक बड़ा निर्णय लेते हुए 31 मार्च 2025 से पेपर स्टांप के चलन को समाप्त कर दिया गया है। इसी क्रम में मऊ जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में मंगलवार को 41 करोड़ 98 लाख 25 हजार रुपये मूल्य के पुराने पेपर स्टांप को आधिकारिक रूप से नष्ट कर दिया गया।
यह कार्य ट्रेज़री विभाग द्वारा एडीएम सत्यप्रिय सिंह के नेतृत्व में संपन्न हुआ। भू–राजस्व रजिस्ट्रेशन में ऑनलाइन स्टांप को बढ़ावा देने और पुराने स्टांप को अमान्य घोषित किए जाने के बाद इन्हें खुले मैदान में आग के हवाले कर नष्ट किया गया।
एडीएम सत्यप्रीत सिंह ने बताया कि शासन के निर्देश पर जिला अधिकारी के अनुमति पर समिति के द्वारा कोषागार मऊ में रखें गैर न्यायिक स्टांप जो अब प्रयोग में नहीं है जिनका मूल्य 41 करोड़ 90 लाख लगभग है समिति के निगरानी में कलेक्ट्रेट में नष्टीकरण कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि शासन द्वारा निर्देश है कि सभी जनपदों में 10 हजार मूल्य से लेकर 25 हजार मूल्य तक इन सभी मूल्य के स्टांप गैर न्यायिक प्रक्रिया में उपयोग होता था जिसका नष्टीकरण किया गया है।
इस प्रक्रिया में 10 हजार रुपये से अधिक मूल्य के स्टांप शामिल थे, जिन्हें चिन्हित कर जलाया गया। मौके पर फायर ब्रिगेड, क्षेत्राधिकारी नगर, और अन्य पुलिस बल की मौजूदगी में पूरी कार्रवाई सुरक्षा के दृष्टिकोण से सतर्कता के साथ की गई।
इन पेपर स्टांप का उपयोग पहले संपत्ति खरीद–फरोख्त, गिफ्ट डीड, लीज डीड, और अन्य दस्तावेज़ी कार्यों में होता था। अब इनकी जगह पूरी तरह से ई-स्टांपिंग प्रणाली को लागू किया जा रहा है, जिसे सरकार की पारदर्शी और डिजिटल व्यवस्था की दिशा में एक सशक्त कदम माना जा रहा है।