अयोध्या में पांच अगस्त को श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन की बात सुनते ही मेरठ के 101 वर्ष के रणजीत सिंह की आंखें चमक उठती हैं और वह जोर से श्रीराम का नारा लगाते हैं। श्रीराम मंदिर आंदोलन में शामिल होकर वाले रणजीत सिंह धीमी आवाज में बताते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी उनके मित्र रहे। 1990 से लेकर 1992 तक उन्हें तीन बार जेल जाना पड़ा।
चंपत राय ने खुद फोन पर किया आमंत्रित :— रणजीत सिंह बताते हैं कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव और विश्व हिंदू परिषद के नेता चंपत राय श्रीराम मंदिर आंदोलन में उनके साथ रहे। आंदोलन के समय रणजीत सिंह विहिप के मेरठ प्रांत के उपाध्यक्ष थे और इस समय विहिप के प्रांत संरक्षक है। श्रीराम मंदिर के भूमि पूजन में शामिल होने के लिए खुद चंपत राय ने उन्हें फोन करके आमंत्रित किया है।
बिना बताए चले जाते थे अयोध्या :— श्रीराम के प्रति रणजीत सिंह की आस्था इतनी गहरी है कि वह 15 साल पहले 86 वर्ष की आयु में भी घर से बिना बताए अयोध्या के लिए चले जाते थे। विहिप के वरिष्ठ नेता उनका ट्रेन का टिकट खुद ही करवा दिया करते थे। परिजनों को बाद में इसका पता चलता था।
कभी कांग्रेसी रहे रणजीत सिंह बन गए स्वयंसेवक :— 101 वर्ष के रणजीत कभी कांग्रेसी रहे हैं। लेकिन वर्तमान में वे आरएसएस के स्वयंसेवक हैं। उन्होंने बताया कि 1942 में वह कांग्रेस से जुड़े थे और एक बार जेल भी गए थे। रणजीत सिंह बताते हैं कि वे एक मैदान लगी आरएसएस की शाखा में पहुंचे और वहां पर कांग्रेस जिंदाबाद के नारे लगाने लगे। संघ के स्वयंसेवक उनकी ओर आए तो वह साइकिल से भागने लगे। एक पेड़ से टकराने के बाद जब वह घायल हो गए तो संघ के स्वयंसेवक ही उन्हें डाॅक्टर के पास लेकर गए। इसके बाद एक महीने तक ठीक होने तक प्रतिदिन स्वयंसेवक उनका हालचाल पूछने आते रहे। इससे उनकी सोच बदल गई और वह आरएसएस के स्वयंसेवक बन गए।