
पुलिस ने रातभर रेडलाइट एरिया के सभी काेठों को खंगाल डाला, फिर सुबह कुछ एेसा हुआ कि सबकी गायब हाे गर्इ नींद
मेरठ। जनवरी 2017 में राजस्थान के सीकर नगर से दो मौसेरी बहनें लापता हुर्इ थी। एक बहन पिछले साल दिसंबर में वापस घर लौट आयी थी, जबकि दूसरी बहन लापता चल रही थी। एक बहन की बरामदगी आैर दूसरी के लापता रहने के कारण युवती के पिता ने हार्इकोर्ट ने शरण ली थी। जयपुर ने आर्इजी आैर सीकर के एसएसपी को बरामदगी नहीं होने को लेकर तलब कर रखा था। तभी से पुलिस दिल्ली आैर फिर मेरठ में डेरा डाले थे, क्योंकि वापस लौटी बहन ने मेरठ के रेडलाइट एरिया कबाड़ी बाजार में उसके होने की आशंका जतार्इ थी। इसलिए राजस्थान पुलिस के केंद्र बिन्दु दिल्ली आैर मेरठ थे।राजस्थान पुलिस ने मेरठ पुलिस की मदद से यहां शनिवार की शाम को सर्च अभियान चलाया, लेकिन यहां युवती नहीं मिली। इस संबंध में पुलिस ने दो कोठा संचालिकाआें को हिरासत में लिया था।
रातभर चला सर्च अभियान
सीकर आैर मेरठ पुलिस को जब यहां सफलता नहीं मिली तो यह बात एसएसपी मेरठ अखिलेश कुमार तक पहुंची। उन्होंने कर्इ टीमों को लगाकर सर्च अभियान शुरू किया। रातभर टीमों ने यहां के एक-एक कोठे में छापेमारी की, लेकिन पुलिस को कोर्इ सफलता हाथ नहीं लग रही थी। सर्च अभियान चलाते-चलाते जब पुलिस थक गर्इ तो पुलिस को कुछ एेसा क्लू हाथ लगा, जिससे पूरी रात जागकर सुबह के समय दोबारा सर्च शुरू की। इसी सर्च में घर से पौने दो साल पहले सीकर से अपहृत युवती मिल गर्इ। यह युवती र्इश्वरपुरी निवासी कोठा संचालक दीपक के घर से बरामद हुर्इ। किसी को उम्मीद नहीं थी कि जिस क्षेत्र में पुलिस सर्च अभियान चला चुकी हो, वहां यह युवती मिल भी जाएगी। पुलिस भी इस कामयाबी से काफी खुश हो गए, क्योंकि डाटर्स डे पर बेटी पौने दो साल बाद अपने पिता से मिल रही थी।
पौने दो साल बाद मिले पिता-पुत्री
करीब पौने दो साल मिले पिता-पुत्री तो दोनों की आंखें भर आयी। पिता ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि उनकी बेटी को पुलिस ढूंढ़ निकालेगी। उन्होंने पुलिस को धन्यवाद दिया। पिछले पौने दो साल में इस बेटी ने बहुत कुछ सहा, उसने पूछताछ में पुलिस को सारी जानकारी दी।
Published on:
24 Sept 2018 07:02 pm
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