scriptरोहिंग्या मुस्लिमों की वापसी के फैसले के बाद अब बांग्लादेशी घुसपैठियों की देश से वापसी की उठी मांग | After supreme court order to deport Rohingya , raised for Bangladeshi | Patrika News

रोहिंग्या मुस्लिमों की वापसी के फैसले के बाद अब बांग्लादेशी घुसपैठियों की देश से वापसी की उठी मांग

locationमेरठPublished: Oct 04, 2018 07:18:04 pm

Submitted by:

Iftekhar

भारत-तिब्बत मैत्री संघ के सह संयोजक ठाकुर संजीव पुंडीर ने कहा कि देश में घुसपैठियों की है भरमार

Rohingya muslim

रोहिंग्य मुस्लिमों की वापसी के फैसले के बाद अब बांग्लादेशी घुसपैठियों की देश से वापसी की उठी मांग

मेरठ. सुप्रीम कोर्ट के रोहिंग्य मुस्लिमों के देश से वापसी के फैसले का भारत-तिब्बत मैत्री संघ ने स्वागत किया है। मैत्री संघ के सहसंयोजक ठाकुर संजीव पुंडीर ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि कोर्ट का यह फैसला बहुत ही बढिया है। यह फैसला देश हित में है, लिहाजा सरकार को इस पर अमल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब सरकार को इनकी पूर्णरूप से वापसी की प्रक्रिया जल्द ही पूरी कर देनी चाहिए। भारत-तिब्बत मैत्री संघ के सहसंयोजक संजीव पुंडीर ने कहा कि देश में घुसपैठियों की भरमार है। पूर्वोत्तर राज्यों और पश्चिम बंगाल में बांग्लादेशियों के कारण स्थिति विस्फोटक हो चुकी है। देश के चंद दल अपने राजनैतिक हित के कारण देश की सुरक्षा और देश की जनता के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि काश्मीर और देश के अन्य हिस्सों से भी घुसपैठियों को खदेड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग इनकी मदद कर रहे हैं, वे लोग भी सजा के हकदार है। उन्होंने कहा कि इससे देश की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है। देश का आर्थिक बोझ बढ़ रहा है।

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क्या है सुप्रीक कोर्ट का फैसला
कभी भाजपा के थिंक टैंक माने जाने वाले गोविंदाचार्य ने रोहिंग्या मुसलमानों को देश के संसाधनों पर बोझ बताया था और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बताते हुए गोविंदाचार्य ने रोहिंग्या मुसलमानों को वापस भेजने का विरोध कर रहे प्रशांत भूषण की याचिका को चुनौती दी थी। गोविंदचार्य ने याचिका दाखिल कर केंद्र सरकार के फैसले का समर्थ करते हुए रोहिंग्या मुसलमानों को चिहिन्त कर उनके देश वापस भेजे जाने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने रोहिंग्या मुसलमानों को वापस म्यांमार भेजने के मुद्दे पर केंद्र से जवाब मांगा था। इस मामले में अरविंद केजरीवाल के पूर्व सहयोगी और वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल कर भारत आने वाले वाले रोेहिंग्या मुसलमानों को जबरदस्ती म्यांमार भेजे जाने का विरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई करते हुए प्रशांत भूषण की याचिका को खारिज कर दिया और सरकार को रोहिंग्या मुसलमानों को उनके मुल्क म्यांमार भेजे जाने के आदेश दिए हैं।

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