10 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Kairana Bypolls Live Update : भाजपा को हराने के लिए ये दुश्मन हो गए एक

भाजपा को एक हुए अपने दुश्मनों से निबटने के लिए एडी-चोटी का जोर इसीलिए लगाया, क्योंकि उसे पता था कि उसके खिलाफ दुश्मन एक छत के नीचे खड़े हैं

2 min read
Google source verification
meerut

उपचुनाव LIVE: भाजपा को हराने के लिए ये दुश्मन हो गए एक

मेरठ। कैराना उपचुनाव कर्इ मायनों में दिलचस्प आैर कांटेदार होने जा रहा है। सोमवार को चल रहे मतदान के दौरान देखकर लग रहा है कि भाजपा को एक हुए अपने दुश्मनों से निबटने के लिए एडी-चोटी का जोर इसीलिए लगाया, क्योंकि उसे पता था कि उसके खिलाफ दुश्मन एक छत के नीचे खड़े हैं। यही वजह रही कि भाजपा ने चुनाव प्रचार में अपना पूरा अमला झोंक दिया था। दरअसल, भाजपा के खिलाफ सारे दुश्मन जब एक हो गए हैं, तो दुश्मनों के बीच भी सियासी दुश्मनी कम नहीं रही है। दुश्मनों की आपसी एकता के लिए भी इन दलों के वरिष्ठ नेताआें को खूब पसीना बहाना पड़ा है। इसलिए इनकी मौकापरस्त एकता भाजपा के खिलाफ किस तरह टिकती है आैर वोटर इसका कितना सपोर्ट करेंगे, यह 31 मर्इ को पता चलेगा।

यह भी पढ़ेंः निकाह पढ़वाने के लिए काजी इंतजार कर रहे थे दूल्हे का, तभी मुंह पर कपड़ा बांधकर आयी एक युवती...

यह भी पढ़ेंः 20 दिन पहले अपहृत छात्रा जब पुलिस को मिली, तो उसने बतायी यह खौफनाक कहानी...

दुश्मनों में भी यह रही सियासी दुश्मनी

कैराना उपचुनाव में नामांकन के दौरान रालोद उम्मीदवार तबस्सुम हसन के खिलाफ सपा, बसपा और कांग्रेस ने कोई उम्मीदवार नहीं उतारा। उनके रास्ते में सबसे बड़े रोड़ा उनके ही देवर कंवर हसन बने हुए थे, लेकिन अब परिवार में समझौता होने के बाद वह उन्हें समर्थन दे रहे हैं। तबस्सुम हसन और कंवर हसन के बीच समझौता कराने में कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने मुख्य भूमिका निभार्इ। तबस्सुम के परिवार और इमरान मसूद के रिश्ते कभी अच्छे नहीं रहे। तबस्सुम के बेटे व सपा नेता नाहिद हसन आैर इमरान मसूद के बीच हमेशा छत्तीस का आंकड़ा रहा। सपा नेता बलराम यादव की मौजूदगी में दोनों परिवारों के बीच सुलह समझौता हुआ। कंवर हसन के चुनाव से हटने के बाद पूरा परिदृश्य ही बदल गया। भाजपा ने इसे भांपते हुए ही अपना चुनाव प्रचार किया।किसी भी दल के खिलाफ विपक्षी दलों के बीच यह एकता कभी किसी चुनाव में नहीं दिखी। फिर यहां तो भाजपा के खिलाफ सभी दल एक मंच पर खड़े हुए हैं।

यह भी पढ़ेंः लड़कियों का यह गैंग रात को साइकिलों पर निकलता आैर महिला पुलिसकर्मियों को इसलिए करता था परेशान

यह भी पढ़ेंः रमजान के महीने में आयी इन टोपियों की कीमत जानकार हैरान रह जाएंगे आप